नई दिल्ली। भारत के सेवा क्षेत्र की गतिविधियां अक्टूबर में पिछले 10 साल से ज्यादा वक्त में सबसे तेज रफ्तार से बढ़ी हैं। एक मासिक सर्वे में बुधवार को कहा गया है कि अनुकूल मांग परिस्थितियों के बीच कारोबारी गतिविधियों में सुधार से सेवा क्षेत्र की गतिविधियां भी तेज हुई हैं। भारत का सेवा व्यवसाय गतिविधि सूचकांक अक्टूबर माह में बढ़कर 58.4 पर पहुंच गया। सितंबर में यह 55.2 पर था। सर्वे में शामिल कंपनियों के अनुसार, नए कारोबार में बढ़ोतरी से उत्पादन में पिछले एक दशक से भी ज्यादा में सबसे तेज वृद्धि हुई है। इसके चलते अधिक रोजगार के अवसरों का सृजन हुआ। हालांकि, महंगाई दर से जुड़ी चिंताओं के बीच कारोबारी भरोसा कमजोर बना हुआ है।
लगातार तीसरे महीने सेवा क्षेत्र के उत्पादन में बढ़ोतरी हुई है। 50 से ऊपर होने पर खरीद प्रबंधक सूचकांक (पीएमआई) विस्तार को दिखाता है, जबकि इससे नीचे रहने पर यह गिरावट को दर्शाता है। आईएचएस मार्किट में सहायक निदेशक-अर्थशास्त्र, पोलिएन्ना डि लीमा ने कहा, ‘‘इस क्षेत्र में रिकवरी का यह लगातार तीसरा महीना रहा। कंपनियों की गतिविधियां साढ़े 10 साल में सबसे तेजी से बढ़ी हैं। इससे रोजगार के अधिक अवसर भी पैदा हुए हैं।’’ लीमा ने कहा कि मूल्य के मोर्चे पर बात की जाए, तो उत्पादन की लागत में तेज बढ़ोतरी हुई है लेकिन कंपनियों ने अपना शुल्क भी पिछले करीब साढ़े साल में सबसे तेजी से बढ़ाया है। सर्वे में शामिल कंपनियों ने ईंधन की ऊंची कीमत, सामग्री, खुदरा, कर्मचारियों तथा परिवहन की ऊंची लागत का हवाला दिया है। उन्होंने कहा, ‘‘सेवा क्षेत्र की कंपनियों का मानना है कि महंगाई दर के दबाव से आगामी वर्ष में वृद्धि प्रभावित हो सकती है। कारोबारी भरोसा कमजोर बना हुआ है।’’
सर्वे के अनुसार, सेवा क्षेत्र की कंपनियों ने अक्टूबर में अतिरिक्त कर्मचारियों की नियुक्ति की है। हालांकि, यह वृद्धि बहुत तेज नहीं है लेकिन सितंबर की तुलना में बढ़ी है। इसके अलावा फरवरी, 2020 से सेवा क्षेत्र में नियुक्तियां सबसे तेज रही हैं। इस बीच, अक्टूबर में देश में निजी क्षेत्र का उत्पादन भी अधिक तेजी से बढ़ा है। सेवा और विनिर्माण क्षेत्र का सामूहिक उत्पादन या सामूहिक पीएमआई उत्पादन सूचकांक अक्टूबर में बढ़कर 58.7 हो गया, जो सितंबर में 55.3 था। जनवरी, 2012 के बाद यह सबसे तेज विस्तार है।
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