नई दिल्ली। घरेलू रेटिंग एजेंसी इक्रा रेटिंग ने सोमवार को कहा कि उसे वित्त वर्ष 2022 में देश की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 10.1 प्रतिशत वृद्धि होने की उम्मीद है। हालांकि, उसने यह भी कहा कि अगले वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद का कुल मूल्य उस स्तर को थोड़ा ही पार कर पायेगा, जो वित्त वर्ष 2020 में उसने हासिल किया था। एजेंसी की प्रधान अर्थशास्त्री अदिति नायर ने एक रिपोर्ट में कहा, ‘‘चालू वित्त वर्ष में कोरोना वायरस महामारी के चलते 7.8 प्रतिशत की गिरावट के बाद वित्त वर्ष 2021- 22 में भारत की वास्तविक जीडीपी 10.1 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज कर सकती है। यह वृद्धि आर्थिक गतिविधियों के सामान्य होते जाने, कोरोना के टीकाकरण की शुरुआत होने तथा एक साल पहले के निम्न आधार के चलते रहेगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम वास्तविक संदर्भों में भारत की जीडीपी के वित्त वर्ष 2022 में उस स्तर से कुछ ही ऊपर रहने की उम्मीद कर रहे हैं, जो स्तर वित्त वर्ष 2020 में पाया गया है।’’ एजेंसी को खुदरा मुद्रास्फीति के वित्त वर्ष 2021 के 6.4 प्रतिशत से कम होकर वित्त वर्ष 2022 में 4.6 प्रतिशत पर आ जाने की उम्मीद है। हालांकि, यह लगातार तीसरे साल रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) को चार प्रतिशत के दिये गये लक्ष्य से ऊपर रह सकती है।’’
इससे पहले भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के अधिकारियों के एक लेख कहा गया था कि अर्थव्यवस्था कोविड-19 महामारी के बाद आई गिरावट से तेजी से बाहर आ रही है। लेख में कहा गया कि महत्वपूर्ण आंकड़ों (पीएमआई, बिजली खपत, माल ढुलाई, जीएसटी) के आधार पर यह पता चलता है कि आर्थिक गतिविधियों में 2020-21 की दूसरी छमाही से जो तेजी आयी है, वह आगे भी बनी रहेगी। भारत में संक्रमण के दूसरे दौर की आशंका अब तक नदारद है। इसके साथ उपयुक्त वृहत आर्थिक नीतियों के साथ ‘लॉकडाउन’ में सही समय पर तेजी से ढील दिये जाने से अर्थव्यवस्था में गतिविधियां सामान्य हुई है और अब इसमें तेजी आ रही है।
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