नई दिल्ली। विनिर्माण गतिविधियों में तेजी आने से वित्त वर्ष 2018-19 की पहली तिमाही में भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 8.2 प्रतिशत दर्ज की गई। केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) के अनुसार, जीडीपी वृद्धि दर 2011-12 की कीमतों पर वित्त वर्ष 2018-19 की पहली तिमाही में 8.2 प्रतिशत दर्ज की गई। 2017-18 की चौथी तिमाही में जीडीपी की वृद्धि दर 7.7 प्रतिशत थी।
जीडीपी वृद्धि का यह आधिकारिक आंकड़ा अर्थशास्त्रियों के अनुमान से बहुत बेहतर है। अर्थशास्त्रियों का मानना था कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी की वृद्धि दर 7.5 से 7.6 के बीच रहेगी। दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था चीन की जून तिमाही की जीडीपी वृद्धि दर 6.7 प्रतिशत रिकॉर्ड की गई है, जबकि मार्च तिमाही का यह आंकड़ा 6.8 प्रतिशत था।
भारत की 2.6 लाख करोड़ डॉलर वाली अर्थव्यवस्था ने 2017 में फ्रांस को पीछे छोड़कर दुनिया की छठवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था का दर्जा हासिल किया है। वर्ल्ड बैंक के मुताबिक अगले साल तक यह यूके को पीछे छोड़कर दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश बन जाएगा।
सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय ने अपने एक बयान में कहा कि 2018-19 की पहली तिमाही में जिन क्षेत्रों में 7 प्रतिशत से अधिक वृद्धि दर रिकॉर्ड की गई है, उनमें विनिर्माण, बिजली, गैस, जल आपूर्ति और अन्य सुविधा सेवाएं, निर्माण तथा सामान्य प्रशासन, रक्षा और अन्य सेवाएं शामिल हैं।
कृषि, वानिकी और मत्स्य पालन, खनन, व्यापार, होटल, परिवहन, संचार और ब्रॉडकास्टिंग संबंधित सेवाओं, वित्त, रियल एस्टेट और पेशेवर सेवाओं में क्रमश: 5.3 प्रतिशत, 0.1 प्रतिशत, 6.7 प्रतिशत और 6.5 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई।
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