देश में है 2.9 करोड़ मकानों की कमी, सात बड़े शहरों में मकानों की बिक्री अक्टूबर-दिसंबर में 51 प्रतिशत बढ़ी
मकान का फ्लोर एरिया (जितने जगह में मकान बना है) 2018 में घटकर प्रति व्यक्ति के हिसाब से 86 वर्ग फुट पर आ गया, जो 2012 में 111 वर्ग फुट था।
नई दिल्ली। देश में शहरी क्षेत्रों में मकानों की कमी 2018 में 54 प्रतिशत बढ़कर 2.9 करोड़ पर पहुंच गई, जो 2012 में 1.878 करोड़ थी। भारत के निम्न आय वाले शहरी परिवार: मांग परिदृश्य शीर्षक से जारी इक्रियर की रिपोर्ट के अनुसार मकान का फ्लोर एरिया (जितने जगह में मकान बना है) 2018 में घटकर प्रति व्यक्ति के हिसाब से 86 वर्ग फुट पर आ गया, जो 2012 में 111 वर्ग फुट था। इसका कारण परिवार में सदस्यों की संख्या का धीरे-धीरे बढ़ना है। यह घरों में रह रहे अधिक लोगों और भीड़-भाड़ की समस्या के समाधान की तत्काल जरूरत को रेखांकित करता है।
इंडियन काउंसिल फॉर रिसर्च ऑन इंटरनेशनल एकोनॉमिक रिलेशंस (इक्रियर) ने कहा कि लोगों की संख्या के हिसाब से उचित मकान की कमी के आधार पर वर्ष 2018 में, शहरी आवास की कमी 2.9 करोड़ थी, जो 2012 की तुलना में 54 प्रतिशत अधिक है। मुख्य रूप से उचित आवास नहीं होने का कारण अधिक लोगों की संख्या का होना है। शोध पत्र में कहा गया है कि जिन लोगों के पास मकान नहीं है, उपयुक्त प्रकार के मकान में नहीं रहने तथा झुग्गियों में रहने वाले परिवारों पर गौर करने पर, उपयुक्त मकानों की संख्या की कमी 2018 में 4.73 करोड़ बैठती है। यह शहरी परिवार का 41 प्रतिशत के करीब है।
सात बड़े शहरों में मकानों की बिक्री 51 प्रतिशत बढ़ी
देश के सात बड़े शहरों में अक्टूबर-दिसंबर के दौरान रिहायशी संपत्ति की बिक्री में इससे पिछली तिमाही के मुकाबले 51 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान है। संपत्ति के बारे में परामर्श देने वाली जेएलएल इंडिया ने कहा कि त्योहारों के दौरान मांग में तेजी से संपत्ति की बिक्री बढ़ी। हालांकि महामारी के प्रभाव के कारण 2020 में इसमें 48 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है।
आंकड़े के अनुसार मकानों की बिक्री दिसंबर तिमाही के दौरान बढ़कर 21,832 इकाई रह सकती है जो इससे पूर्व तिमाही जुलाई-सितंबर में 14,415 इकाई थी। जेएलएल इंडिया के मुख्य कार्यपालक अधिकारी क्षेत्रीय प्रमुख रमेश नायर ने एक बयान में कहा कि जुलाई-सितंबर तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में सुधार उम्मीद से बेहतर रहा। आवास क्षेत्र में भी सुधार के शुरूआती संकेत दिखे हैं। तिमाही आधार पर बिक्री 34 प्रतिशत बढ़ी है। रोजगार सुरक्षा और आय में कमी जैसे मसलों के बीच, बिक्री में तेजी उल्लेखनीय उपलब्धि है।
जेएलएल इंडिया के आंकड़े के अनुसार सभी सातों शहरों में मांग मे नरमी से 2020 में आवास बिक्री 48 प्रतिशत घटकर 74,451 इकाइयां रहने का अनुमान है, जो पिछले साल 1,43,923 इकाई थी।
शहर | बिक्री 2020 (इकाई) | बिक्री 2019 (इकाई) |
बेंगलुरु | 10,440 | 26,453 |
चेन्नई | 6,983 | 13,967 |
दिल्ली-एनसीआर | 15,743 | 29,010 |
हैदराबाद | 9,926 | 16,025 |
कोलकाता | 2,568 | 7,463 |
मुंबई | 19,545 | 32,138 |
पुणे | 9,246 | 18,867 |