नई दिल्ली। देश में नियुक्ति दर में हल्का सुधार हुआ है। अप्रैल में यह 10 प्रतिशत थी जो मई में बढ़कर 35 प्रतिशत पर पहुंच गया। हालांकि, नये ग्रेजुएट्स को नौकरी तलाशने में लगने वाला औसत समय बढ़ गया है। वहीं पेशेवरों को जोड़ने वाले मंच लिंक्डइन के आंकड़े के अनुसार कोविड-19 की दूसरी महामारी से प्रोफेश्नल आर्थिक अनिश्चितता के कारण ज्यादा प्रभावित हुए हैं।
लिंक्डइन पर भारत में नियुक्ति दर इस साल मार्च में 50 प्रतिशत थी जो अप्रैल 2021 में घटकर 10 प्रतिशत पर आ गयी। स्थानीय स्तर पर लगायी गयी पाबंदियों में ढील के साथ मई में इसमें कुछ सुधार आया और यह 35 प्रतिशत रही।’’ हालांकि, कामकाजी महिलाएं और युवा पेशेवर अभी भी आर्थिक उथल-पुथल से काफी प्रभावित हैं। लिंक्डइन के अनुसार, ‘‘कामकाजी महिलाओं में कामकाजी पुरुषों की तुलना में भरोसा चार गुना कम हुआ है। वहीं नये स्नातकों को नौकरी खोजने में लगने वाला औसत समय 2 से बढ़कर 3 महीने हो गया है।’’ लिंक्डइन पर वित्त, कॉरपोरेट सेवा, विनिर्माण, स्वास्थ्य और हार्डवेयर तथा नेटवर्किंग जैसे कुछ प्रमुख उद्योग सक्रियता से नियुक्ति कर रहे हैं। दूसरी तरफ, जिन उद्योगों में नियुक्ति में कमी आयी है, उनमें उपभोक्ता सामान, मीडिया एवं संचार, वाहन, मार्केटिंग और विज्ञापन उद्योग शामिल हैं।
लिंक्डइन के आंकड़े के अनुसार 2020 में महामारी के बीच, विशेषीकृत इंजीनियरिंग, कृत्रिम मेधा, साइबर सुरक्षा और डेटा साइंस क्षेत्रों में नियुक्ति को लेकर मांग बढ़ी थी। करीब एक साल बाद आईटी क्षेत्र में मांग में वृद्धि जारी है। इस क्षेत्र में एप्लिकेशन डेवलपर, सॉफ्टवेयर इंजीनियर और एसएपी (सिस्टम एप्लीकेशन एंड प्रोडक्ट्स) विशेषज्ञों की मांग ज्यादा है।
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