नयी दिल्ली। सेवा क्षेत्र में सुस्ती, कम निवेश और खपत में गिरावट के बीच देश की आर्थिक वृद्धि इस साल जून तिमाही में 5.7 प्रतिशत पर रहने का अनुमान है। जापान की ब्रोकरेज कंपनी नोमुरा ने अपनी रपट में यह कहा है। नोमुरा के मुताबिक, दूसरी तिमाही (अप्रैल-जून) में सुस्ती के बावजूद जुलाई-सितंबर तिमाही में अर्थव्यस्था में कुछ सुधार आने की उम्मीद है।
कंपनी ने अपने शोध नोट में कहा, उच्च आवृत्ति कारकों में नरमी बरकार रहेगी। इसमें सेवा क्षेत्र का खराब प्रदर्शन, निवेश में कमी, बाहरी क्षेत्र में सुस्ती और खपत में भारी गिरावट शामिल है। वित्त वर्ष 2018-19 में अर्थव्यवस्था की रफ्तार सुस्त होकर 6.8 प्रतिशत पर आ गयी। यह 2014-15 के बाद का निम्न स्तर है। इसमें कहा गया है कि उपभोक्ताओं का विश्वास कम हो रहा है और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में गिरावट आई है। व्यापार और मुद्रा को लेकर चले रहे टकराव ने समस्या को और गंभीर बना दिया है।
स्थिति का जायजा लेने के लिए, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अधिकारियों और उद्योग से जुड़े दिग्गजों के साथ कई बैठकें की हैं। बैठक में उपभोक्ता मांग और निजी निवेश को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाने पर विचार-विमर्श किया गया। नोमुरा ने कहा कि हमारा अनुमान है कि जीडीपी वृद्धि मार्च के 5.8 प्रतिशत से घटकर जून तिमाही में 5.7 प्रतिशत पर रह जाएगी। सितंबर तिमाही (तीसरी तिमाही) में यह बढ़कर 6.4 प्रतिशत हो जाएगी। उसके बाद की तिमाही में जीडीपी वृद्धि की रफ्तार 6.7 प्रतिशत रहने की उम्मीद है।
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