नयी दिल्ली: देश का फाइबर ब्रॉडबैंड बाजार अभी 30 लाख ग्राहकों तक ही सीमित है। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि इस दिशा में नए सिरे से प्रयासों से ऑपरेटरों शीर्ष खपत वाले उपभोक्ता वर्ग में ‘इस क्षेत्र के लिए भी हिस्सेदारी हासिल सकते हैं। सीएलएसए की इस क्षेत्र पर ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि देश का वायरलाइन ब्रॉडबैंड बाजार तेजी से आगे बढ़ रहा है। आज की तारीख तक एक साल के दौरान वायरलाइन ब्रॉडबैंड के नए कनेक्शनों की संख्या में 10 लाख का इजाफा हुआ है और यह दो करोड़ के आंकड़े को पार कर गया है। 10 लाख कनेक्शनों की यह बढ़ोतरी वित्त वर्ष 2016-17 से 2019-20 के दौरान हुई कुल वृद्धि से अधिक रही है।
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के आंकड़ों के अनुसार कोविड-19 महामारी और लॉकडाउन के बीच देश के ब्रॉडबैंड वायरलाइन बाजार ने चालू साल में अब तक 10 लाख नए कनेक्शन जोड़े हैं। इस तरह कुल कनेक्शनों की संख्या 2.01 करोड़ पर पहुंच गई है।’’ रिपोर्ट में कहा गया है कि विभिन्न ऑपरेटरों ने रिलायंस जियो ने सबसे अधिक नए ग्राहक जोड़े हैं और उसके कनेक्शनों की संख्या 12 लाख हो गई है। 25 लाख ग्राहकों के साथ भारती एयरटेल निजी क्षेत्र की सबसे बड़ी कंपनी है।
सीएलएसए ने कहा, ‘‘भारतीय फाइबर ब्रॉडबैंड बाजार 30 लाख ग्राहकों के साथ अभी काफी सीमित है। ऑपरेटर नए सिरे से प्रयासों के जरिये खपत के मामले में शीर्ष उपभोक्ताओं में ‘वॉलेट शेयर’ यानी इस क्षेत्र के लिए भी कुछ हिस्सा हासिल कर सकते हैं। वॉलेट शेयर से तात्पर्य किसी उपभोक्ता के खर्च का एक हिस्सा किसी उत्पाद या सेवा पर खर्च करने से है। कुल 79 लाख वायरलाइन ब्रॉडबैंड कनेक्शनों के साथ सार्वजनिक क्षेत्र की भारत संचार निगम लि.(बीएसएनएल) इस क्षेत्र की सबसे बड़ी कंपनी बनी हुई है।
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