सिंगापुर। जापान की वित्तीय सेवा प्रदाता कंपनी नोमुरा का मानना है कि इस साल दिसंबर तिमाही में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 4.3 प्रतिशत रह सकती है। नोमुरा का मानना है कि वर्ष 2020 की पहली तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर में मामूली सुधार होगा और यह 4.7 प्रतिशत रह सकती है।
नोमुरा की मुख्य अर्थशास्त्री (भारत एवं एशिया) सोनल वर्मा ने कहा कि गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) का संकट लंबा खिच जाने के कारण घरेलू ऋण उपलब्धता की स्थिति गंभीर बनी हुई है। बाजार का मानना है कि देश की जीडीपी वृद्धि दर अपने निचले स्तर पर आ चुकी है और अब आगे इसमें सुधार होगा।
नोमुरा का मानना है कि वृद्धि दर में अभी और गिरावट आ सकती है। उसने देश की आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान 2019 के लिए 5.3 प्रतिशत से घटाकर 4.9 प्रतिशत, 2020 के लिए 6.3 प्रतिशत से घटाकर 5.5 प्रतिशत और 2021 के लिए 6.5 प्रतिशत कर दिया है।
वर्मा ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि वित्त वर्ष के हिसाब से हमें जीडीपी वृद्धि दर वित्त वर्ष 2019-20 में 4.7 प्रतिशत तथा वित्त वर्ष 2020-21 में 5.7 प्रतिशत रहने का अनुमान है। इससे पता चलता है कि सुधार में विलंब हो रहा है तथा इसकी गति 2020 के अंत तक संभावित गति की तुलना में कम रह सकती है।
वर्मा ने एशिया 2020 परिदृश्य में कहा कि रिजर्व बैंक 2020 की दूसरी तिमाही में नीतिगत दर में कटौती कर सकता है। फरवरी 2020 की मौद्रिक नीति समीक्षा में रिजर्व बैंक द्वारा दर को स्थिर बनाए रखने का अनुमान है।
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