नई दिल्ली। देश का ई-रिटेल बाजार में तेजी से विकास होगा और 35 करोड़ खरीदारों के साथ इसका कारोबार 2025 तक 100 से 120 अरब डॉलर सकल वस्तु मूल्य (जीएमवी) पर पहुंच जाने का अनुमान है। बेन एंड कंपनी की एक रिपोर्ट में यह कहा गया है। फ्लिपकार्ट के साथ मिलकर तैयार की गई इस रिपोर्ट में कहा गया है कि 850 अरब डॉलर मूल्य का भारतीय खुदरा बाजार दुनिया का चौथा बड़ा बाजार है, लेकिन इसका बड़ा हिस्सा असंगठित है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि यह बाजार ई-रिटेल इकाइयों और भारतीय खरीदारों पर उनके बढ़ते प्रभाव के साथ बदलाव की दहलीज पर खड़ा है। पिछले पांच साल में देश में ई-रिटेल उद्योग में तीव्र वृद्धि हुई है और आने वाले समय में वृद्धि की काफी गुंजाइश है। फिलहाल ऑनलाइन खुदरा कारोबार की पहुंच करीब 3.4 प्रतिशत है।
सस्ता और दूरदराज क्षेत्रों तक पहुंचता मोबाइल डेटा, ऑनलाइन खर्च का बढ़ता चलन तथा कंपनियों की तरफ से स्थानीय भाषा में उपयोग जैसी सुविधाओं से वित्त वर्ष 2024-25 तक ई-खुदरा बाजार से जुड़े ग्राहकों की संख्या करीब 30 से 35 करोड़ हो जाने का अनुमान है।
रिपोर्ट के अनुसार इससे ऑनलाइन सकल वस्तु मूल्य (जीएमवी) संचयी आधार पर सालाना 30 प्रतिशत की दर से बढ़ेगा और 2025 तक 100 से 120 अरब डॉलर पुंहच जाने का अनुमान है। वित्त वर्ष 2019-20 में यह 30 अरब डॉलर जीएमवी था। इसमें फैशन श्रेणी के उत्पाद की महत्वपूर्ण भूमिका होगी, जो ऑनलाइन ग्राहकों को आकर्षित करेगा।
रिपोर्ट के अनुसार ऑनलाइन खरीदारी करने वालें में मझोले और छोटे शहरों का योगदान कुल खरीदारों में करीब आधा होगा और ई-रिटेल मंच पर प्राप्त प्रत्येक पांच ऑर्डर में तीन ऑर्डर वहीं से होंगे।
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