जुलाई में देश का कच्चे तेल का उत्पादन 3.2 प्रतिशत गिरा, प्राकृतिक गैस उत्पादन में बढ़त
देश के सबसे बड़े तेल और गैस उत्पादक ओएनजीसी ने जुलाई के दौरान 16 लाख टन कच्चे तेल का उत्पादन किया। ये पिछले साल के मुकाबले 4 प्रतिशत कम है
नई दिल्ली। देश के कच्चे तेल के उत्पादन में लगातार गिरावट जारी है, ओएनजीसी के द्वारा लक्ष्य से कम तेल उत्पादन की वजह से जुलाई में देश का क्रूड उत्पादन 3 प्रतिशत से ज्यादा गिरा है। पेट्रोलियम मंत्रालय के द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक देश में कच्चे तेल का उत्पादन जुलाई के दौरान पिछले साल के मुकाबले 3.2 प्रतिशत की गिरावट के साथ 25 लाख टन के स्तर पर आ गया है। वहीं अप्रैल से जुलाई की अवधि में उत्पादन 3.37 प्रतिशत की गिरावट के साथ 99 लाख टन रहा है।
देश के सबसे बड़े तेल और गैस उत्पादक ओएनजीसी ने जुलाई के दौरान 16 लाख टन कच्चे तेल का उत्पादन किया। ये पिछले साल के मुकाबले 4 प्रतिशत कम है और कंपनी के द्वारा तय किये गये 17 लाख टन के लक्ष्य से 3.8 प्रतिशत कम रहा है। अप्रैल से जुलाई के बीच ओएनजीसी का तेल उत्पादन 4.8 प्रतिशत की गिरावट के साथ 64 लाख टन रहा है। हालांकि दूसरी तरफ प्राकृतिक गैस में बढ़त देखने को मिली है। रिलायंस बीपी के केजी डी6 तेल क्षेत्र में बेहतर उत्पादन की वजह से जुलाई में गैस उत्पादन पिछले साल के मुकाबले 18.36 प्रतिशत की बढ़त के साथ 2.9 बीसीएम (billion cubic meter) तक पहुंच गया। वहीं इस बढ़त की मदद से अप्रैल से जुलाई के बीच गैस उत्पादन 20 प्रतिशत की बढ़त के साथ 11 बीसीएम के स्तर पर पहुंच गया। ओएनजीसी फील्ड से गैस उत्पादन 10 प्रतिशत गिरा है. वहीं पूर्वी ऑफशोर जहां केजी डी6 फील्ड स्थित हैं गैस का उत्पादन 12 गुना बढ़कर 573.13 एमसीएम (million cubic meter) पर पहुंच गया है। मंत्रालय के मुताबिक गैस उत्पादन में बढ़त डी 34 के ब्लॉक से उत्पादन बढ़ने की वजह से दर्ज हुई है। इस ब्लॉक से 18 दिसंबर 2020 से उत्पादन शुरू हुआ है।
ईंधन की मांग में बढ़त के साथ तेल रिफायनरी कंपनियों ने जुलाई में पहले से ज्यादा कच्चे तेल को प्रोसेस किया है। 1.94 करोड़ टन के साथ जुलाई में कच्चे तेल की प्रोसेसिंग पिछले साल के मुकाबले 9.6 प्रतिशत ज्यादा रही है। सरकारी तेल रिफायनरी ने 5.6 प्रतिशत ज्यादा यानि 1.1 करोड़ टन और निजी क्षेत्र की रिलायंस इंडस्ट्रीज ने पिछले साल के मुकाबले 14.4 प्रतिशत ज्यादा कच्चा तेल प्रोसेस किया।
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