नई दिल्ली। कोरोना काल में भारत से कृषि उत्पादों के निर्यात में तेजी देखने को मिली। लॉकडाउन के बीच भी कृषि क्षेत्र को पर्याप्त छूट देने और मॉनसून की अच्छी बारिश के बाद बंपर पैदावार से ऐसा संभव हो सका। सरकार के द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल 2020 से फरवरी 2021 के दौरान कृषि एवं संबद्ध कमोडिटी का 2.74 लाख करोड़ रुपये का निर्यात किया गया जो पिछले साल की समान अवधि में हुए 2.31 लाख करोड़ रुपये के निर्यात के मुकाबले 18.49% अधिक रहा।
निर्यात में महत्वपूर्ण सकारात्मक वृद्धि दर्शाने वाली वस्तुओं में गेहूं,अन्य अनाज, चावल( गैर बासमती), सोया मील, मसाले,चीनी, कपास, ताजा सब्ज़ियां, प्रसंस्कृत सब्ज़ियां शामिल हैं । गेहूं और अन्य अनाजों के मामले में पिछले साल की तुलना में भारी वृद्धि दर्ज हुई और ये क्रमश: 425 करोड़ रुपये से बढ़कर 3283 करोड़ रुपये और 1318 करोड़ रुपये से बढ़कर 4542 करोड़ रुपये हो गई। कुछ खास देशों की मांग पर नैफेड ने जी टू जी व्यवस्था के तहत 50,000 मीट्रिक टन गेहूं का निर्यात अफगानिस्तान को और 40,000 मीट्रिक टन गेहूं का निर्यात लेबनान को किया। भारत ने गेहूं के निर्यात के मामले में 727 % की जबरदस्त वृद्धि दर्ज की।
देश ने चावल (गैर बासमती) के निर्यात के मामले में भी 132 %की महत्वपूर्ण वृद्धि दर्ज की। गैर बासमती चावल का निर्यात 2019-20 के 13,030 करोड़ रुपये से बढ़कर 2020-21 में 30,277 करोड़ रुपये हो गया । भारत ने सोया मील का निर्यात भी 132 प्रतिशत बढ़ा है। मील का निर्यात 2019-20 के 3087 करोड़ रुपये के मुकाबले 2020-21 में 7224करोड़ रुपये हो गया ।
इसके साथ ही मसालो के निर्यात में 11.44 प्रतिशत की बढ़त हुई है और वो 23562 करोड़ रुपये की तुलना में 26257 करोड़ रुपये रहा है। चीनी निर्यात 12226 करोड़ रुपये की तुलना में 17072 करोड़ रुपये रही इसमें 39.64 प्रतिशत की बढ़त रही है। वहीं कपास(6771 करोड़ रुपये की तुलना में 11373 करोड़ रुपये ,67.96 % की वृद्धि),। कोविड-19 के बावजूद कृषि क्षेत्र का व्यापार संतुलन भी अप्रैल 2020 से फरवरी 2021 के दौरान पर्याप्त बढ़ा और पिछले साल की समान अवधि के 93,907.76 करोड़ रुपये के मुकाबले 132,579.69 करोड़ रुपये हो गया।
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