नई दिल्ली। चीन के साथ जारी तनाव के बीच भारत चीनी कंपनियों के घरेलू बाजार और कंपनियों में निवेश पर कड़ी नजर रख रहा है। समाचार एजेंसी रॉयटर्स में सूत्रों के हवाले से छपी खबर के मुताबिक भारत सरकार फिलहाल चीन की कंपनियों के 50 निवेश प्रस्तावों की नए कानून के तहत समीक्षा कर रही है।
अप्रैल में जारी हुए इन नए नियमों के मुताबिक भारत के पड़ोसी देशों के निवेशकों को भारत में निवेश के लिए सरकार से मंजूरी लेनी होगी। ये नियम नए निवेश या फिर पहले से जारी प्रोजेक्ट में अतिरिक्त निवेश दोनो पर ही लागू होंगे। भारत के पड़ोसी राज्यों में से चीन ही भारत में सबसे बड़ा निवेशक है। नए नियमों के दायरे में चीन, पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल, अफगानिस्तान शामिल हैं।
वहीं भारत सरकार के मुताबिक ये नियम पड़ोसी देशों द्वारा किसी भी अवसरवादी कदम को रोकने के लिए बनाए गए हैं। सूत्रों के मुताबिक महामारी के बीच घरेलू कंपनियों की आर्थिक स्थिति बिगड़ने से उन पर जबरन कब्जे का जोखिम बढ़ गया है जिससे निपटने के लिए निवेश की समीक्षा जरूरी हो गई है।
खबर के मुताबिक सूत्रों ने साफ किया है कि चीन स्थित भारतीय दूतावास सहित भारत की कई एजेंसियां चीन के निवेशकों से बात कर जानने की कोशिश कर रही हैं कि उनके निवेश का मकसद क्या है। पिछले हफ्ते ही भारत ने चीन के 59 एप्स को भारत में प्रतिबंधित कर दिया था। जिसमें टिकटॉक और वीचैट शामिल हैं। जिसके बाद चीन के निवेश पर सख्त नजर रखी जा रही है। सूत्रों के मुताबिक फूड डिलिवरी एप जोमैटो को मिलने वाली 10 करोड़ डॉलर की फंडिंग में तनाव का असर पड़ा है।
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