World Bank Report: वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत का बना रहेगा अहम स्थान, 2016-17 में 7.8 फीसदी रहेगी आर्थिक वृद्धि दर
वर्ल्ड बैंक ने गुरुवार को अपनी ताजा रिपोर्ट जारी करते हुए कहा है कि भारत का विश्व अर्थव्यवस्था में चमकता आकर्षक स्थान बना रहेगा।
वॉशिंगटन। वर्ल्ड बैंक ने गुरुवार को अपनी ताजा रिपोर्ट जारी करते हुए कहा है कि भारत, विश्व अर्थव्यवस्था में चमकता आकर्षक स्थान बना रहेगा और 2016-17 के दौरान उसकी आर्थिक वृद्धि दर 7.8 फीसदी रहने का अनुमान है। यह वृद्धि दर चीन की वृद्धि के मुकाबले करीब एक फीसदी अधिक होगी। वर्ल्ड बैंक ने अपनी ताजा वैश्विक आर्थिक संभावना रिपोर्ट में कहा है कि वर्ल्ड बैंक ने भारत की आर्थिक वृद्धि दर को वर्ष 2015 के लिए मामूली 0.2 फीसदी और 2016 तथा 2017 दोनों के लिए 0.1 फीसदी कम किया है। वर्ल्ड बैंक की यह रिपोर्ट हर छह माह में जारी की जाती है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि हालांकि, भारत वैश्विक अर्थव्यवस्था का चमकता आकर्षक स्थान बना रहेगा, क्योंकि चीन की अर्थव्यवस्था में और गिरावट की आशंका है। भारत समूचे एशिया क्षेत्र की प्रभावशाली अर्थव्यवस्था है और इसके इस साल में 7.8 फीसदी वृद्धि हासिल करने की उम्मीद है। अगले दो साल के दौरान इसके 7.9 फीसदी वृद्धि हासिल करने की उम्मीद है। वर्ल्ड बैंक का अनुमान है कि 2015 में चीन की अर्थव्यवस्था में 6.9 फीसदी की अनुमानित वृद्धि रहने की उम्मीद है। इससे पहले विश्व बैंक ने जून में जो अनुमान लगाया था ताजा अनुमान उससे 0.3 फीसदी कम है। रिपोर्ट के अनुसार चीन की आर्थिक वृद्धि वर्ष 2016 में 6.7 फीसदी और उसके बाद 2017 और 2018 दोनों साल में 6.5 फीसदी रहने का अनुमान है। वर्ल्ड बैंक की इस रिपोर्ट के अनुसार रूस और ब्राजील वर्ष 2016 में 0.3 फीसदी और 2017 में 0.4 फीसदी की संभावित वृद्धि के साथ लगातार मंदी के दौर में रहेंगे।
वर्ल्ड बैंक ने कहा है कि दुनिया के अन्य विकासशील देशों के मुकाबले भारत में आर्थिक वृद्धि की दर लगातार बेहतर बनी रहेगी। निवेशकों की धारणा मजबूत बनी रहेगी और कच्चे तेल के दाम में आई गिरावट के फलस्वरूप वास्तविक आय पर सकारात्मक असर पड़ने से इसको बल मिलेगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक वित्तीय बाजारों में उतार-चढ़ाव के बावजूद पिछले वर्ष के दौरान भारतीय मुद्रा और शेयर बाजार ने अपनी बेहतर क्षमता का प्रदर्शन किया है। रिपोर्ट के अनुसार भारतीय रिजर्व बैंक ने विदेशी मुद्रा भंडार को फिर से मजबूत किया है और इस दौरान प्रत्यक्ष विदेशी निवेश लगातार सकारात्मक बना रहा।
जीएसटी पारित न होने से सरकार की व्यय क्षमता पर पड़ सकता है असर
वर्ल्ड बैंक ने चेतावनी देते हुए कहा है कि संसद में वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) विधेयक पारित कराने में असफल रहने पर भारत सरकार की ढांचागत सुविधाओं के क्षेत्र में व्यय बढ़ाने की क्षमता पर बुरा असर पड़ सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए जोखिम मुख्यतौर पर घरेलू स्तर पर ही हैं जिनसे उसपर असर पड़ सकता है। भूमि सुधारों के क्षेत्र में धीमी प्रगति की वजह से निवेश में देरी हो सकती है और निजी क्षेत्र के निवेश पर इसका असर होगा, कुल मिलाकार आर्थिक गतिविधियां प्रभावित होंगी।