नई दिल्ली। वित्त मंत्रालय ने कहा कि भारत अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दर में बढ़ोतरी से निपटने के लिए तैयार है। दरअसल, अनिश्चितता खत्म होने से उभरती अर्थव्यवस्थाओं के नीति-निर्माताओं को अनिश्चितता खत्म करने में मदद मिलेगी। आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने ट्विटर पर कहा, अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दर में बढ़ोतरी और इसमें धीरे-धीरे और बढ़ोतरी का उल्लेख अनुमान के अनुरूप है। भारत पूरी तरह तैयार है।
भारतीय निर्यात को मिलेगा बढ़ावा
अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने ब्याज दर में 0.25 फीसदी की बढ़ोतरी की है। यह पिछले एक दशक में की गई पहली बढ़ोतरी है जिससे अमेरिकी अर्थव्यवस्था में बढ़ोतरी का संकेत मिलता है। दास ने कहा अनिश्चितता खत्म होने और भविष्य के लिए समावेशी परिदृश्य से उभरती अर्थव्यवस्थाओं के नीति निर्माताओं को मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि फेडरल रिजर्व का अर्थव्यवस्था में सुधार का भरोसा भारतीय निर्यात विशेष तौर पर सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र के लिए अच्छी खबर है।
अमेरिका में ब्याज दर बढ़ाने का बेहद मामूली असर होगा
मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यम ने कहा कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दर में बढ़ोतरी, विश्व भर में जैसी उम्मीद थी उसके अनुरूप है और मजबूत वहृत्-आर्थिक परिस्थितियों के कारण भारत पर इसका असर बेहद मामूली होगा। उन्होंने कहा, ब्याज दर में बढ़ोतरी की उम्मीद पहले से थी, इसलिए मुझे लगता है कि बाजार ने इसे जज्ब कर लिया होगा और इसका कोई उल्लेखनीय असर नहीं होना चाहिए। सुब्रमण्यम ने कहा कि इस वैश्विक घटनाक्रम के कारण भारतीय बाजार में ज्यादा उतार-चढ़ाव नहीं होना चाहिए।
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