मुंबई। इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च ने देश की जीडीपी वृद्धि की दर चालू वित्त वर्ष में गिरकर 6.7 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है। मांग में कमी, कमजोर मानसून और विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर में नरमी इसकी मुख्य वजह रही। रेटिंग एजेंसी ने पहले जीडीपी वृद्धि दर के 7.3 प्रतिशत पर रहने की उम्मीद जताई थी।
इंडिया रेटिंग्स ने रिपोर्ट में कहा कि हमने 2019-20 में देश की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर को 7.3 प्रतिशत से घटाकर 6.7 प्रतिशत कर दिया है। यह छह साल का निम्नतम स्तर है।
इसमें कहा गया है कि खपत मांग में नरमी, मानसून में देरी, विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि में गिरावट, समयबद्ध तरीके से मामलों को सुलझाने में दिवाला एवं ऋणशोधन अक्षमता सहिंता के नाकाम रहने से चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर वैश्विक व्यापार तनाव बढ़ने से भी निर्यात प्रभावित होगा।
भारत की जीडीपी वृद्धि दर अप्रैल-जून में रहेगी 6 प्रतिशत
फिक्की ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 6 प्रतिशत रहेगी। अप्रैल-जून 2018-19 में देश की आर्थिक वृद्धि दर 8.2 प्रतिशत रही थी। ऐसी उम्मीद की जा रही है कि पहली तिमाही के आंकड़ों को सांख्यिकी कार्यालय द्वारा अगले हफ्ते जारी किया जा सकता है।
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