नई दिल्ली। भारत में सार्वजनिक रूप से सूचीबद्ध पारिवारिक स्वामित्व वाले कारोबार या कंपनियों (फैमिली बिजनेस) की संख्या 108 है। इस मामले में भारत दुनिया में तीसरे नंबर पर है। इस मामले में 167 कंपनियों के आंकड़े के साथ चीन पहले स्थान पर, जबकि 121 कंपनियों के साथ अमेरिका दूसरे स्थान पर है।
क्रेडिट सुइस रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीएसआरआई) की ताजा सीएस फैमिली 1000 की रिपोर्ट के अनुसार 6.5 अरब डॉलर के औसत बाजार पूंजीकरण के साथ भारत एशिया प्रशांत (जापान को छोड़कर) पांचवें स्थान पर है। वैश्विक स्तर पर भारत 22वें स्थान पर है। परिवार के स्वामित्व वाली कंपनियों के मामले में फ्रांस चौथे, हांगकांग पांचवें, कोरिया छठे, मलेशिया सातवें, थाइलैंड आठवें, इंडोनेशिया नौवें और मैक्सिको दसवें स्थान पर है।
रिपोर्ट कहती है कि जब औसत आकार की बात की जाती है तो रैंकिंग काफी हद तक विकसित बाजारों के पक्ष में झुकी नजर आती है। स्पेन में परिवार के स्वामित्व वाली कंपनियों का औसत बाजार पूंजीकरण 30 अरब डॉलर है। नीदरलैंड में भी यह 30 अरब डॉलर, जापान में 24 अरब डॉलर और स्विट्जरलैंड में 22 अरब डॉलर है।
अरबपतियों की संख्या बढ़कर 1500 के पार
पिछले साल दुनिया में अरबपतियों की संख्या बढ़कर 1500 के पार हो गई है। यह 2015 की तुलना में 10 प्रतिशत अधिक है। स्विट्जरलैंड के मुख्य बैंक यूबीएस और पीडब्ल्यूसी की साझा वार्षिक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।
रिपोर्ट के अनुसार, अरबपतियों की संख्या सबसे अधिक एशिया में बढ़ी है। नए बने अरबपतियों का तीन तिहाई हिस्सा भारत और चीन से है। रिपोर्ट के अनुसार, कुल अरबपतियों में एशिया से 637 और अमेरिका से 563 हैं। यूरोप 342 अरबपतियों के साथ तीसरे स्थान पर रहा।
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