नयी दिल्ली। विदेशी कंपनियों द्वारा घरेलू आधिकारियों को घूस देने पर रोक की कार्रवाइ 2019 में वैश्विक स्तार पर धीमी पड़ी। लेकिन भारत इस तरह की कार्रवाई करने वाले देशों की सूची में संख्या के हिसाब से ब्राजील के बाद दूसरे स्थान पर रहा। वैश्विक स्तार रिश्वतखोरी के मामलों की निगरानी करने वाले गैर सरकारी संगठन ट्रेस इंटरनेशनल की बृहस्पतिवार को जारी 10वीं वैश्विक वार्षिक प्रवर्तन रपट में यह जानकारी सामने आयी है।
रपट के अनुसार विदेशियों द्वारा स्थानीय अधिकारियों को कथित तौर पर रिश्वत दिए जाने के सबसे ज्यादा मामले चीन में सामने आए हैं। इसके बाद इस सूची में इराक , ब्राजील, नाइजीरिया और भारत का स्थान है। रपटमें कहा गया है कि विदेशियों द्वारा घरेलू अधिकारियों को रिश्वत देने के मामलों की जांच 2019 में दुनियाभर में धीमी पड़ी है।
ट्रेस ने कहा कि ऐसे सबसे अधिक मामलों की जांच ब्राजील में की गयी। इसके बाद भारत और चीन का स्थान है। विश्व और अमेरिका दोनों के स्तर पर विदेशी अधिकारियों के रिश्वत मामलों की जांच की संख्या घटी है। अमेरिका में सालाना आधार पर इसमें 19 प्रतिशत गिरावट दर्ज की गयी है। जबकि गैर-अमेरिकी जांच कार्रवाइयों में 45 प्रतिशत से अधिक की गिरावट दर्ज की गयी है।
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