Terror Economy: आतंकवाद से प्रभावित टॉप-10 देशों में भारत भी शामिल, 3 दर्जन कंपनियों के खातों पर लगाई रोक
ग्लोबल टेरोरिज्म इंडेक्स 2015 (जीटीआई) के मुताबिक 2014 में आतंकवाद से प्रभावित टॉप 10 देशों में भारत का स्थान छठवां है।
नई दिल्ली। भारत आतंकवाद की समस्या से सबसे ज्यादा प्रभावित देश है और इसे अनदेखा नहीं किया जा सकता है। ग्लोबल टेरोरिज्म इंडेक्स 2015 (जीटीआई) के मुताबिक 2014 में आतंकवाद से प्रभावित टॉप 10 देशों में भारत का स्थान छठवां है। इस ताजा रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि दुनियाभर में होने वाली कुल आतंकी घटनाओं में से आधी से ज्यादा के लिए आईएसआईएस और बोको हरम संयुक्तरूप से जिम्मेदार हैं। वहीं एफएटीएफ की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत ने आतंकवादियों को धन की आपूर्ति और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में तीन दर्जन से अधिक कंपनियों के खातों पर रोक लगाई है। इन खातों में तीन लाख यूरो (करीब 2.12 करोड़ रुपए) की राशि जमा है।
2014 में हुए सबसे ज्यादा आतंकी हमले
वॉशिंगटन स्थित इंस्टीट्यूट फॉर इकोनॉमिक्स एंड पीस ने अपनी रिपोर्ट में कहा गया है कि 2014 के दौरान भारत में आतंकी संबंधी मौतों में 1.2 फीसदी की वृद्धि हुई है, इस साल कुल 416 लोगों की मौत हुई। 2010 के बाद यह सबसे ज्यादा आतंकी घटना और मौत वाला साल रहा है। 2014 में भारत में दो खतरनाक आतंकी समूह लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन ने सबसे ज्यादा आतंक फैलाया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पूरी दुनिया में आतंकी घटनाओं में मौत का आंकड़ा 2014 में 80 फीसदी बढ़ा है। इस साल कुल 32,658 लोग आतंकवादियों की गोलियों का शिकार बने हैं। आतंकवाद से प्रभावित देशों की सूची में पाकिस्तान का स्थान चौथा और अमेरिका का स्थान 35वां है।
आतंकवाद की आर्थिक लागत भी बढ़ी
2014 में इकोनॉमिक कॉस्ट ऑफ टेरोरिज्म भी बढ़कर 52.9 अरब डॉलर पर पहुंच गई है। इसमें पिछले साल की तुलना में 61 फीसदी की वृद्धि हुई है। 2013 में यह लागत 32.9 अरब डॉलर थी। वर्ष 2000 की तुलना में यह लागत दस गुना बढ़ चुकी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि बेरोजगारी और नशा अपराध आतंकवाद से संबंध स्थापित करते हैं।
भारत ने तीन दर्जन से अधिक कंपनियों के खातों पर लगाई रोक
भारत ने आतंकवादियों को धन की आपूर्ति और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में तीन दर्जन से अधिक इकाइयों की तीन लाख यूरो (करीब 2.12 करोड़ रुपए) की संपत्तियों के हस्तांतरण पर रोक लगा दी है। यह बात वैश्विक स्तर पर संचालित वित्तीय कार्रवाई कार्य-बल (एफएटीएफ) की एक रिपोर्ट में कही गई है। एफएटीएफ ने खतरनाक आतंकी समूह, आईएसआईएस की बढ़ती गतिविधियों के मद्देनजर आतंकवादियों के लिए धन के प्रवाह पर रोक के लिए विश्व के विभिन्न देशों और आर्थिक शक्तियों द्वारा की गई तैयारियों की मध्यावधि समीक्षा की है। रिपोर्ट में भारत की पहल के बारे में कहा गया है कि इस देश ने इस साल 15 अगस्त से अब तक 37 कंपनियों के खातों पर रोक लगा दी है, जिसमें तीन लाख यूरो जमा हैं। भारत एफएटीएफ का पूर्ण सदस्य है। इसमें अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी और ब्रिटेन जैसे अन्य देश शामिल हैं। भारत समेत जी20 के सदस्य देशों ने तुर्की के अंतालिया में हाल में संपन्न जी20 शिखर सम्मेलन में आतंकवाद से मुकाबले के लिए आवश्यक और संयुक्त वैश्विक प्रयास के प्रतिबद्धता जताई है।