नई दिल्ली। भारत की जीडीपी वृद्धि से जुड़ी एक अच्छी खबर आई है। देश की आर्थिक वृद्धि दर में पिछली पांच तिमाहियों से जारी जारी गिरावट का रुख थम गया है। विनिर्माण क्षेत्र में तेजी के साथ चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर 6.3 प्रतिशत रही, जो कि पहली तिमाही में तीन साल के निचले स्तर पर थी।
त्योहारी सीजन के मद्देनजर आर्थिक गतिविधियां तेज होने और एक जुलाई से जीएसटी लागू होने के बाद इनवेंट्री बनाने के लए बढ़े उत्पादन से अर्थव्यवस्था में तेजी लाने में मदद मिली है। वित्त वर्ष 2017-18 की पहली तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर 5.7 प्रतिशत रही थी। हालांकि, इससे पूर्व वित्त वर्ष की इसी तिमाही में यह 7.5 प्रतिशत रही थी।
केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) के आंकड़े के अनुसार विनिर्माण, बिजली, गैस, जल आपूर्ति, अन्य उपयोग सेवाओं तथा व्यापार, होटल, परिवहन तथा संचार एवं प्रसारण से जुड़े सेवा क्षेत्र में 6 प्रतिशत से अधिक वृद्धि हुई। वहीं कृषि, वानिकी तथा मत्स्यन क्षेत्र की वृद्धि दर आलोच्य तिमाही में 1.7 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया गया है।
मुख्य सांख्यिकीविद टीसीए अनंत ने कहा है कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर 6.3 प्रतिशत रहना उत्साहजनक है लेकिन इस दौरान कृषि क्षेत्र का प्रदर्शन कमजोर रहना चिंता की बात है। उन्होंने कहा कि नोटबंदी का असर अब पूरी तरह से खत्म हो चुका है और जीएसटी लागू होने से कई बड़े बदलाव आए हैं, जिसका फायदा विकास दर में दिखाई पड़ रहा है।
केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक भारत की जीडीपी वृद्धि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में बढ़कर 6.3 प्रतिशत रही जो अप्रैल-जून तिमाही में 5.7 प्रतिशत और जनवरी-मार्च तिमाही में 6.1 प्रतिशत थी। हालांकि, जुलाई-सितंबर में विकास की रफ्तार पिछले साल की समान तिमाही के 7.3 प्रतिशत की तुलना में कम है। उम्मीदों के विपरीत प्रदर्शन करने के बावजूद दूसरी तिमाही के जीडीपी वृद्धि दर चीन से पीछे है। भारत अभी भी चीन के बाद दुनिया की दूसरी सबसे तेजी से विकसित होती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना हुआ है।
पिछले वित्त वर्ष की आखिरी तिमाही में भारत ने तेजी से विकसित होती प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं की लिस्ट में पहला स्थान चीन के हाथों गंवा दिया था, जब जीडीपी विकास दर घटकर 6.1 प्रतिशत रह गई थी।
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