नई दिल्ली। भारत ने यूरोपीय संघ और वियतनाम से कथित रूप से नायलॉन के धागे की डंपिंग मामले की जांच शुरू की है। गुजरात स्टेट फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल्स सहित पांच घरेलू कंपनियों ने इसकी शिकायत की थी।
डंपिंगरोधी एवं संबंधित शुल्क महानिदेशालय (डीजीएडी) की अधिसूचना के अनुसार इन देशों से इस उत्पाद की डंपिंग को प्रथम दृष्टया प्रमाण मिले हैं। जेसीटी लिमिटेड, गुजरात पॉलिफिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड और एवाईएम सिंटेक्स सहित पांच कंपनियों ने डंपिंग रोधी जांच के लिए आवेदन किया था।
अधिसूचना में कहा गया है कि घरेलू उद्योग को होने वाले नुकसान के संरक्षण के लिए कथित डंपिंग की जांच शुरू की गई है। इसके बाद यह तय किया जाएगा कि इन उत्पादों पर यदि डंपिंग रोधी शुल्क लगाने की जरूरत है तो यह कितना होना चाहिए। इस धागे का इस्तेमाल होम फर्निशिंग के अलावा औद्योगिक एप्लिकेशंस मसलन पर्दे, सिलाई और एम्ब्रायडरी धागे तथा मछली पकड़ने का जाल बनाने के लिए किया जाता है।
विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) व्यवस्था के तहत डंपिंग रोधी शुल्क लगाने की अनुमति है। चीन और भारत दोनों डब्ल्यूटीओ के सदस्य हैं।
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