नई दिल्ली। सरकार ने चीन और यूरोपीय संघ से इस्पात की चादरों की डंपिंग की जांच शुरू की है। इस जांच का मकसद सस्ते आयात से घरेलू उद्योग की रक्षा करना है। एस्सार स्टील इंडिया और जेएसडब्ल्यू स्टील कोटेड प्राडक्ट्स ने डंपिंग रोधी एवं सहायक शुल्क महानिदेशालय में चीन और यूरोपीय संघ से होने वाले रंगीन-लेप चढ़े मिश्र या गैर-मिश्र इस्पात की कथित डंपिंग की जांच तथा कर लगाने की प्रक्रिया शुरू करने का आवेदन किया है।
महानिदेशालय ने कहा कि प्रथम दृष्ट्या दोनों क्षेत्रों से उत्पादों की डंपिंग के पर्याप्त साक्ष्य मिले हैं। महानिदेशालय ने एक अधिसूचना में कहा, विभाग कथित डंपिंग की जांच शुरु कर रहा है जिससे घरेलू उद्योग को नुकसान हो रहा है। शिकायतकर्ताओं ने पिछली तारीख से डंपिंग रोधी शुल्क लगाने का आवेदन किया है।
एस्सार प्रोजेक्ट्स को मिला इंडियन ऑयल से 85 करोड़ रुपए का ऑर्डर
रूइया परिवार की कंपनी एस्सार प्रोजेक्ट्स को इंडियल ऑयल कॉरपोरेशन से 85 करोड़ रपये की लागत वाली एक 141 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन बदलने की परियोजना का ठेका मिला है। एस्सार प्रोजेक्ट्स ने एक विज्ञप्ति में बताया, एस्सार प्रोजेक्ट्स को इंडियन ऑयल से 141 किलोमीटर लंबी एक पाइपलाइन को बदलने का ठेका मिला है।
इंडियन ऑयल की कोयली-सांगानेर पाइपलाइन के कोयली-विरामगम खंड को बदला जाना है जिसका व्यास 18 इंच होगा। इस ठेके की कीमत 85 करोड़ रुपए से ज्यादा है जिसमें पाइप की कीमत शामिल नहीं है क्योंकि पाइप की आपूर्ति खुद तेल कंपनी करेगी। इंडियन ऑयल की कोयली-सांगानेर पाइपलाइन की कुल लंबाई 1,056 किलोमीटर है जो उसकी गुजरात की कोयली रिफाइनरी से शुरु होती है। यह उसकी सबसे लंबी पाइपलाइन है।
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