नई दिल्ली। प्याज के कम भाव से जहां प्याज किसानों के सालभर से आंसू निकल रहे हैं वहीं निर्यातक इसका जमकर फायदा उठा रहे हैं। घरेलू मार्केट में भाव सस्ता होने की वजह से निर्यातकों ने प्याज का जमकर निर्यात किया है। यही वजह है कि 2016-17 के दौरान प्याज के निर्यात में 3 गुना से भी ज्यादा की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। राष्ट्रीय बागवानी अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान (NHRDF) के मुताबिक मार्च में खत्म हुए वित्तवर्ष 2016-17 के दौरान देश से कुल 34,92,718 टन प्याज का निर्यात हुआ है जो किसी भी वित्तवर्ष में हुआ सबसे अधिक एक्सपोर्ट है।
निर्यात आंकड़ों की तुलना अगर 2015-16 में हुए एक्सपोर्ट से की जाए तो 2016-17 में एक्सपोर्ट 3 गुना से भी अधिक बढ़ा है, 2015-16 के दौरान देश से सिर्फ 11,14,418 टन प्याज का निर्यात हो पाया था। रिकॉर्डतोड़ निर्यात के बावजूद घरेलू बाजार में किसानों को प्याज का बेहतर भाव नहीं मिल पाया है। देश की अधिकतर मंडियों में अब भी किसानों को 7-8 रुपए प्रति किलो से ज्यादा का भाव नहीं मिल रहा है।
देश की सबसे बड़ी प्याज मंडी महाराष्ट्र के लासलगांव में गुरुवार को प्याज का अधिकतम भाव 7.01 रुपए प्रति किलो और औसत भाव 5.75 रुपए प्रति किलो रहा। दिल्ली में अधिकतम भाव 8 रुपए प्रति किलो और औसत भाव 7 रुपए प्रति किलो रहा। रिकॉर्ड प्याज एक्सपोर्ट के बावजूद किसानों को मिल रहे इस भाव को देखते हुए यही कहा जा सकता है कि कम भाव का फायदा उठाते हुए प्याज निर्यातकों ने तो चांदी लूटी है लेकिन किसानों को इसका फायदा नहीं हुआ है।
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