बीजिंग। वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा कि भारत को बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर में अंतर को पाटने के लिए अगले 10 साल में 1500 अरब डॉलर के निवेश की जरूरत है। उन्होंने कहा कि सरकार ने बड़े पैमाने पर आधुनिकीकरण योजना के तहत 2019 तक सात लाख गांवों को सड़कों से जोड़ने का लक्ष्य रखा है। इसलिए लिए बड़े पैमाने पर निवेश की जरूरत है। एआईआईबी के निदेशक मंडल की बैठक में भाग लेने के लिए चीन आए जेटली ने कहा, हम वैश्विक नरमी के दौर में लगातार ग्रोथ हासिल करने में कामयाब रहे हैं। इसका कारण भारत में बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर कंस्ट्रक्शन है जहां अंतर काफी अधिक है।
जेटली ने कहा, अगले दशक में हमें बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर के अंतर को दूर करने के लिए 1500 अरब डॉलर के निवेश की जरूरत है। कीमतों में कमी के कारण हमारे पास जो अतिरिक्त संसाधन है, हम उसका भी उपयोग कर रहे हैं। बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर और ग्लोबल इकोनॉमिक ग्रोथ पर आयोजित सेमिनार में वित्त मंत्री ने कहा कि भारत में सात लाख गांव हैं और हमारा इरादा 2019 तक इन्हें एक-दूसरे से जोड़ना है और इसके लिए बड़े पैमाने पर निवेश की जरूरत है। इस सेमिनार का आयोजन चीन समर्थित एशिया इंफ्रास्ट्रक्चर इनवेस्टमेंट बैंक (एआईआईबी) ने कई देशों के वित्त मंत्रियों के साथ मिलकर किया।
उन्होंने भारत के मौजूदा बुनियादी ढांचा कार्यक्रम के तहत बड़े पैमाने पर ग्रामीण स्वच्छता कार्यक्रम के बारे में भी बातें रखी। वित्त मंत्री जेटली ने कहा, इस साल राजमार्ग निर्माण के संदर्भ में ही हमारा लक्ष्य 10,000 किलोमीटर है। हमारी रेल प्रणाली 100 साल पुरानी है। हम बड़े पैमाने पर आधुनिकीकरण के लिए कदम उठा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार रेलवे स्टेशन को वाणिज्यिक केंद्रों में बदलने के लिए निजी क्षेत्र की भागीदारी पर जोर दे रही है। जेटली ने कहा कि सरकार की और हवाईअड्डे, समुद्री बंदरगाह के निर्माण की योजना है। साथ ही पर्यावरण रूप से अनुकूल अक्षय उर्जा पर विशेष जोर के साथ और अधिक मात्रा में बिजली उत्पादन का लक्ष्य है। उन्होंने कहा, इन सभी क्षेत्रों पर हमारा जोर है और इस दिशा में कदम उठा रहे हैं।
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