नई दिल्ली। भारत को सात सदस्यीय समूह बिमस्टेक के साथ व्यापार वार्ता अंतिम निष्कर्ष पर पहुंचाने के लिए मिलकर काम करना चाहिए और क्षेत्र में व्यापार को बढ़ावा देने को लेकर बंगाल की खाड़ी मुक्त व्यापार समझौते के जल्दी क्रियान्वयन के लिए प्रयास करना चाहिए। उद्योग मंडल एसोचैम ने यह कहा। बिमस्टेक (बे ऑफ बंगाल इनीशिएटिव फार मल्टी सेक्टरल टेक्निकल एंड इकोनामिक को-ऑपरेशन) में बांग्लादेश, भारत, म्यांमार, श्रीलंका, थाईलैंड, भूटान तथा नेपाल शामिल हैं।
एसोचैम ने बिमस्टेक आर्थिक एकीकरण: अवसर एवं चुनौती शीर्षक से जारी अध्ययन में कहा, बिमस्टेक मुक्त व्यापार समझौता सदस्य देशों के बीच उत्पादन संपर्कों को सक्रिय करने में मददगार हो सकता है और कई गैर-प्रशुल्क उपायों को युक्तिसंगत बनाने में मदद कर सकता है। इससे क्षेत्रीय व्यापार को गति मिलेगी।
अध्ययन सातवें एसोचैम-बिमस्टेक व्यापार मंच पर संयुक्त रूप से विदेश मंत्रालय में सचिव (पूर्व) प्रीति सरन तथा बांग्लादेश के विदेश मामलों के राज्यमंत्री शहरयार आलम ने जारी किये। इसमें कहा गया है कि एफटीए पर बिमस्टेक के गठन के बाद से ही बातचीत जारी है। इसे पूरा किए जाने की जरूरत है। सदस्य देशों के जुड़ने से व्यापार में तेजी आएगी।
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