नई दिल्ली। देश के प्रमुख उद्योग मंडल एसोचैम ने कहा है कि भारत को व्यापारिक स्तर पर पाकिस्तान के साथ जुड़े रहने की बात कही है। एसोचैम ने कहा हमें इस हद तक जुड़ना चाहिए कि पाकिस्तान का भारतीय अर्थव्यवस्था में निहित स्वार्थ पैदा हो जाए और किसी भी आतंकवादी हमले की उसे भारी आर्थिक कीमत चुकानी पड़े। एसोचैम अध्यक्ष सुनील कनोरिया ने कहा है, कई बार, आर्थिक मोर्चे पर पड़ने वाली लागत अच्छा काम करती है। लेकिन चूंकि यहां भारत और पाकिस्तान के बीच वाणिज्यिक जुड़ाव काफी कम है, ऐसे में इस तरह के विकल्प के लिये गुंजाइश नहीं दिखती है।
पाकिस्तान को ऐसे सिखाएंगे सबक
सुनील कनोरिया ने कहा कि वर्ष 2014-15 में भारत और पाकिस्तान के बीच कुल कारोबार 2.5 अरब डॉलर से भी कम रहा जिसमें व्यापार संतुलन काफी कुछ भारत के पक्ष में है। पाकिस्तान को भारत से जहां 1.85 अरब डॉलर का निर्यात किया गया वहीं वहां से आधे अरब डॉलर से भी कम का आयात किया गया। इसका मतलब यह हुआ कि पाकिस्तान न तो अपने उत्पादों के निर्यात के लिए और न ही जरूरी आयात के लिए भारत पर ज्यादा निर्भर है। इसलिए इस तरह की स्थिति (आतंकवादी हमला) में पाकिस्तान को किसी तरह का आर्थिक नुकसान नहीं उठाना पड़ता है।
पाकिस्तान के साथ जुड़े रहना चाहिए
एसोचैम ने कहा है कि दक्षिण एशिया में श्रीलंका, बांग्लादेश और नेपाल व्यापारिक लिहाज से भारत के शीर्ष भागीदार है, लेकिन क्षेत्र में भारत का कुल व्यापार वांछित क्षमता से काफी कम है। एसोचैम की ओर से यह वक्तव्य ऐसे समय दिया गया है जब पठानकोट एयर बेस पर आतंकवादी हमला हुआ है जिसमें सुरक्षा बलों के सात जवान शहीद हो गए। विपक्षी दलों ने इस आतंकवादी हमले के बाद पाकिस्तान के साथ रिश्तों को लेकर सरकार पर हमला बोला है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की लाहौर यात्रा के कुछ ही दिनों बाद यह आतंकवादी हमला हुआ है।
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