वाशिंगटन। भारत युवा कुशल कार्यबल, उच्च वृद्धि दर और सरकार द्वारा विभिन्न क्षेत्रों को नियंत्रण मुक्त किए जाने से एफडीआई (FDI) के लिए एक महत्वपूर्ण गंतव्य बनने को पूरी तरह तैयार है। यह बात अमेरिका के पूर्व शीर्ष व्यापार अधिकारी ने कही। ओबामा प्रशासन में कार्यवाहक उप अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि रहीं वेंडी कटलर ने वाशिंगटन में कहा, युवा कार्यबल, उसकी वृद्धि दर जिसके आने वाले वर्ष चीन से ऊपर निकलने की उम्मीद है।
कटलर ने कहा कि बाजार को खोलना और विभिन्न क्षेत्रों को नियंत्रण मुक्त करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो कदम उठाए हैं। इससे निश्चित रूप से दक्षिण एशियाई देश विदेशी निवेश के लिए महत्वपूर्ण गंतव्य बनेगा। प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) भरोसा सूचकांक जारी किए जाने के मौके पर एक परिचर्चा में उन्होंने कहा कि मोदी की अगुवाई में भारत विदेशी निवेशकों के लिये एक पसंदीदा गंतव्य के रूप में उभरा है।
लगातार दूसरे वर्ष भारत सूचकांक में शीर्ष 10 देशों में शामिल है। इस साल भारत आठवें स्थान पर है जबकि पिछले साल नौवें स्थान पर था। सूचकांक में चीन खिसककर तीसरे स्थान पर आ गया है। वहीं जर्मनी एफडीआई भरोसा सूचकांक में दूसरे स्थान पर आ गया है। उन्होंने कहा, शीर्ष 10 देशों में पांच एशिया से हैं। एशिया में निवेश के अवसरों को काफी उम्मीदें हैं। यह उम्मीद न केवल एशियाई निवेशकों में बल्कि वैश्विक निवेशकों में भी है। स्पष्ट तौर पर चीन और भारत उम्मीद की एक बड़ी वजह है। भारत सूचकांक में आठवें स्थान पर आ गया है।
वेंडी कटलर ने कहा कि चीन में निवेश को लेकर उस प्रकार की उम्मीद नहीं दिखती जो हम सुन रहे हैं। यह न केवल अमेरिकी व्यापार समुदाय के साथ है बल्कि यूरोपीय उद्योग जगत के साथ भी है। उन्होंने कहा, चीन में निवेश माहौल बिगड़ रहा है। कंपनियों को चीन में कई प्रकार की बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है। इसमें लाइसेंस लेना या मंजूरी प्रक्रिया अथवा घरेलू कंपनियों को तरजीह देना या प्रौद्योगिकी साझा करना शामिल हैं। हम अपनी कंपनियों से यह सुन रहे हैं कि उनकी उम्मीदें कम हो रही हैं।
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