नई दिल्ली। भारत के पास जल्द ही पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन पर कानून होगा। सोमवार (18 नवंबर) से संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने वाला है, उम्मीद है कि सरकार कानून बनाने के लिए विधेयक ला सकती है। सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद पहले ही कह चुके हैं कि सरकार संसद में पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल, 2018 पेश करने की योजना बना रही है।
सरकार ने विधेयक का मसौदा बीते साल ही जारी किया था, लेकिन उसके तुरंत बाद कई वैश्विक प्रौद्योगिकी कंपनियों ने इसका विरोध किया था। उनका कहना था कि इससे देश में उनके व्यापार पर बुरा प्रभाव पड़ेगा, साथ ही इसके संचालन की लागत भी बढ़ेगी। हालांकि अभी आखिरी मसौदे के बारे में किसी को भी जानकारी नहीं है।
हाल फिलहाल में उपयोगकर्ताओं के निजी जानकारी एकत्र करने के कई मामले सामने आए। इसमें व्हाट्सएप डेटा सुरक्षा और गोपनीयता भंग होने जैसे मामले भी शामिल थे, जिसकी वजह लोगों ने अपनी नाराजगी भी जाहिर की और देश में डेटा सुरक्षा का मुद्दा उठने लगा। इस विधेयक के अनुसार, गोपनीयता भंग करने के मामले में फर्म पर 15 करोड़ का जुर्माना या फिर फर्म को अपने टर्नओवर का चार प्रतिशत जुर्माना देना होगा।
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