नई दिल्ली। भारत यूरोपीय संघ (EU), जापान, अमेरिका और दक्षिण कोरिया से कुछ इस्पात उत्पादों के आयात पर डंपिंगरोधी शुल्क लगा सकता है। ये कदम घरेलू कंपनियों को राहत देने के लिए लिया जा सकता है। जेएसडब्ल्यू वल्लभ टिनप्लेट प्राइवे लि. और द टिनप्लेट कंपनी ऑफ इंडिया लि.ने इन देशों से कोटेड-प्लेटेड टिन मिल फ्लैट-रोल्ड इस्पात उत्पादों के आयात पर डंपिंगरोधी शुल्क लगाने के लिए आवेदन किया किया था।
वाणिज्य मंत्रालय की जांच इकाई व्यापार उपचार महानिदेशालय (डीजीटीआर) ने जांच के बाद इन देशों से कुछ इस्पात उत्पादों के आयात पर डंपिंगरोधी शुल्क लगाने की सिफारिश की है। इन उत्पादों पर 222 डॉलर से 334 डॉलर प्रति टन का डंपिंगरोधी शुल्क लगाने की सिफारिश की गई है। डीजीटीआर की अधिसूचना में कहा गया है कि इन देशों से ऐसे उत्पादों का आयात सामान्य से कम मूल्य पर हो रहा है। इन उत्पादों की डंपिंग से घरेलू उद्योग प्रभावित हो रहा है। इस उत्पाद का इस्तेमाल खाद्य और गैर-खाद्य उद्योग मसलन पेंट, रसायन और बैटरी में पैकेजिंग समाधान के रूप में होता है। वैश्विक व्यापार नियमों के अनुसार घरेलू विनिर्माताओं को समान अवसर उपलब्ध कराने के लिए कोई देश डंप किए जाने वाले उत्पादों पर शुल्क लगा सकता है। विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) की व्यवस्था के तहत डंपिंग रोधी शुल्क लगाने की अनुमति है।
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