फ्रैंकपर्ट। चालू वित्त वर्ष में भारती की अर्थव्यस्था आठ फीसदी की विकास दर से बढ़ेगी। आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने कहा कि ब्याज दर और लेन-देन की लागत घटाकर भारत किफायती अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य रखता है। सचिव ने कहा कि 2016-17 में अच्छे मानसून के साथ भारतीय अर्थव्यवस्था आठ फीसदी विकास दर के आसपास पहुंच सकती है। इससे पहले अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) ने आर्थिक वृद्धि दर 7.5 फीसदी रहने का अनुमान लगाया था।
किफायती अर्थव्यवस्था बनाना भारत का लक्ष्य
एडीबी वार्षिक बैठक से इतर दास ने कहा, हमारी ढांचागत सुधार नीतियों का दोहरा लक्ष्य है। पहला भारत को किफायती अर्थव्यवस्था बनाना। वेतनमान के दृष्टिकोण से किफायती अर्थव्यवस्था नहीं, क्योंकि जब आप अपने लोगों को कम वेतन देते हैं तो यह बहुत अच्छी बात नहीं होती है। उन्होंने कहा कि लोगों को अच्छा वेतन मिलना चाहिए ताकि वे बचत कर सकें और ज्यादा खर्च कर सकें। सचिव ने कहा, हम भारत को किफायती अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य रखते हैं, लेकिन ब्याज दर घटाकर, अपने करों की दर कम करके, संचालन की लागत और अर्थव्यवस्था में लेनदेन की लागत कम करके।
जीएसटी लागू होने से राज्य निर्यात को मिलेगा बढ़ावा
संसद की एक समिति ने सुझाव दिया है कि राज्यों की इस सोच को हतोत्साहित करने की जरूरत है कि निर्यात से वैट की वापसी के कारण उनके सरकारी खजाने पर असर पड़ेगा। समिति ने यह भी कहा कि जीएसटी लागू होने राज्य निर्यात संवद्र्धन के लिये प्रोत्साहित होंगे। वाणिज्य पर संसद की स्थायी समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि वाणिज्य विभाग को राज्यों के साथ गतिविधियां बढ़ानी चाहिए और अनुकूलतम निर्यात बुनियादी ढांचा रखने की खासियत तथा निर्यात संवद्र्धन के बारे में जागरूकता बढ़ानी चाहिए।
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