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विनिर्माण गतिविधियों की वृद्धि दर अक्टूबर में गिरकर दो साल के निचले स्तर पर: रिपोर्ट

कारखानों के ऑर्डर एवं उत्पादन की वृद्धि दर के दो साल के निचले स्तर पर आ जाने से अक्टूबर महीने में भी विनिर्माण गतिविधियों में सुस्ती जारी रही।

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नयी दिल्ली। कारखानों के ऑर्डर एवं उत्पादन की वृद्धि दर के दो साल के निचले स्तर पर आ जाने से अक्टूबर महीने में भी विनिर्माण गतिविधियों में सुस्ती जारी रही। शुक्रवार को जारी एक मासिक सर्वेक्षण में इसकी जानकारी दी गई। आईएचएस मार्किट इंडिया का मैन्यूफैक्चरिंग पर्चेजिंग मैनेजर्स सूचकांक (पीएमआई) सितंबर में 51.4 से गिरकर अक्टूबर में 50.6 पर आ गया। यह दो साल का निम्नतम स्तर है।

सर्वेक्षण में कहा गया है कि यह विनिर्माण उद्योग की हालत में मामूली सुधार को दर्शाता है। सूचकांक का 50 से अधिक रहना विस्तार दर्शाता है जबकि 50 से नीचे का सूचकांक संकुचन का संकेत देता है। आईएचएस मार्किट के सर्वेक्षण के मुताबिक, भारत में विनिर्माण क्षेत्र की गतिविधियों में अक्टूबर में भी सुस्ती जारी रही। इसका कारण कारखाने के ऑर्डर और उत्पादन की वृद्धि दर का दो साल के निचले स्तर पर आ जाना रहा। इसमें कहा गया है, 'रोजगार सृजन धीमा होकर छह महीने के निचले स्तर पर आ गया जबकि कंपनियों ने अतिरिक्त स्टॉक रखने से परहेज किया और खरीद को कम किया है।' 

आईएचएस मार्किट की प्रधान अर्थशास्त्री पॉलिएना डी लीमा ने कहा, 'अक्टूबर का पीएमआई आंकड़ा विनिर्माण क्षेत्र में सुस्ती जारी रहने का संकेत देता है। बिक्री की वृद्धि दर भी दो साल में सबसे धीमी रही।' लीमा ने कहा, 'कमजोर मांग का विर्निमाण उद्योग पर प्रभाव पड़ा है। उत्पादन, रोजगार और कारोबारी धारणा में सुस्त आई है।' उन्होंने कहा कि इनपुट लागत में चार साल में पहली बार गिरावट आई है।

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