नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय बौद्धिक संपदा (आईपी) सूचकांक में भारत आठ स्थानों की छलांग के साथ 36वें पायदान पर पहुंच गया। इस सूचकांक में इस साल 50 वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं में बौद्धिक संपदा की स्थिति का विश्लेषण किया गया है।
अमेरिकी चैंबर ऑफ कॉमर्स के वैश्विक नवोन्मेषण नीति केंद्र (जीआईपीसी) द्वारा तैयार 2019 के इस सूचकांक में भारत आठ पायदान की छलांग के साथ 36वें स्थान पर पहुंच गया है। 2018 में भारत 44वें स्थान पर था। इसमें शामिल 50 देशों में भारत की स्थिति में सबसे ज्यादा सुधार आया है।
इस सूचकांक में अमेरिका पहले, ब्रिटेन दूसरे, स्वीडन तीसरे, फ्रांस चौथे और जर्मनी पांचवें स्थान पर रहा है। पिछले साल भी ये देश इन्हीं स्थानों पर थे। जीआईपीसी ने यह सूचकांक 45 संकेतकों पर तैयार किया है। इनमें पेटेंट, कॉपीराइट और व्यापार गोपनीयता का संरक्षण आदि शामिल हैं।
बयान में कहा गया है कि भारत की स्थिति में यह सुधार भारतीय नीति निर्माताओं द्वारा घरेलू उद्यमियों और विदेशी निवेशकों के लिए समान रूप से एक सतत नवोन्मेषी पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने के प्रयासों को दर्शाता है।
मौजूदा संस्करण में भारत का कुल स्कोर उल्लेखनीय रूप से सुधरकर 36.04 प्रतिशत (45 में से 16.22) पर पहुंच गया। पिछले संस्करण में यह 30.07 प्रतिशत (40 में 12.03) था। जीआईपीसी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष पैट्रिक किलब्राइड ने कहा कि लगातार दूसरे साल भारत का स्कोर सबसे अधिक सुधरा है।
वर्ष 2017 में भारत इस सूची में 45 देशों में 43वें स्थान पर था। पिछले दो साल से अमेरिकी चैंबर ऑफ कॉमर्स ने तुलनात्मक अध्ययन वाले देशों की संख्या बढ़ाकर 50 कर दी है। पड़ोसी देश पाकिस्तान इस सूची में 47वें स्थान पर है। वहीं वेनेजुएला अंतिम स्थान पर है।
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