नई दिल्ली। 3 साल से भारत दुनियाभर में चावल निर्यात में नंबर वन बना हुआ है और ऐसी संभावना जताई जा रही है कि इस साल भी भारत नंबर वन चावल निर्यातक बना रह सकता है। पिछले साल देश में हुई रिकॉर्ड पैदावार और अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारतीय चावल को मिल रहे अच्छे भाव के दम पर वित्तवर्ष 2017-18 के पहले 5 महीने के दौरान देश से चावल के निर्यात में 7 फीसदी से ज्यादा का इजाफा देखने को मिला है।
वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल से अगस्त के दौरान देश से कुल 51,31,944 टन चावल का निर्यात हुआ है जिसमें 18,46,030 टन चावल बासमती है और बाकी 32,85,914 टन चावल गैर बासमती है। वित्तवर्ष 2016-17 में इस दौरान देश से कुल 47,79,086 टन चावल का निर्यात हुआ था।
2016-17 में देश से कुल 108 लाख टन चावल का एक्सपोर्ट हुआ था जो निर्यात का एक रिकॉर्ड है और दुनियाभर में किसी भी देश से किया गया सबसे अधिक एक्सपोर्ट है। ऐसी पूरी संभावना बनी हुई है कि 2017-18 में निर्यात का आंकड़े पिछले साल के आंकड़े को पार कर जाएगा।
दरअसल भारतीय बासमती और गैर बासमती चावल को अंतरराष्ट्रीय बाजार में अच्छा भाव मिल रहा है। बेहतर भाव के दम पर निर्यातक ज्यादा निर्यात के लिए प्रोत्साहित हो रहे हैं। पिछले साल देश में चावल का रिकॉर्ड उत्पादन भी इस साल निर्यात में बढ़ोतरी की वजह बना है। हालांकि अगली जो फसल मार्केट में आने वाली है उसके लिए पिछले साल के मुकाबले कम पैदावार का अनुमान लगाया जा रहा है। हालांकि पैदावार इतनी भी कम नहीं होगी, केंद्रीय कृषि मंत्रालय के मुताबिक इस साल खरीफ चावल का उत्पादन 944.8 लाख टन होने का अनुमान है जो पिछल साल के 963.9 लाख टन से तो कम होगा लेकिन अबतक का दूसरा सबसे अधिक उत्पादन है।
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