नई दिल्ली। ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस यानि कारोबार को आसान बनाने के मामले में भारत ने एक लंबी छलांग लगाई है। विश्व बैंक की ताजा रिपोर्ट में भारत ने 30 अंकों की लंबी छलांग दर्ज की है। 2017 में भारत 100वें पायदान पर पहुंच चुका है। जबकि 2016 में भारत 130वें स्थान पर था। 2014 में भारत ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस के मामले में 142वें नंबर पर था। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने विश्व बैंक की रिपोर्ट के संबंध में जानकारी देते हुए कहा कि अब हमारा लक्ष्य टॉप 50 की पोजिशन को हासिल करना है। उन्होंने कहा विश्व बैंक की गणना इस साल जून तक के आंकड़ों के आधार पर हुई है। जबकि जीएसटी 1 जुलाई से लागू हुआ है। ऐसे में पूरी संभावना है कि 2018 की रिपोर्ट में भारत और भी लंबी छलांग लगाएगा।
वित्त मंत्री ने बताया कि टैक्स अदा करने के मामले में भी भारत की रैंकिंग में जबर्दस्त सुधार हुआ है। इस मामले में 2016 में भारत की रैंकिंग 172वीं थी। वहीं 2017 में यह बढ़कर 119 हो गई है। विश्व बैंक की रैंकिंग के 10 संकेतकों में से 9 में भारत ने उल्लेखनीय सुधार दर्ज किया है। 3 संकेतकों में भारत टॉप 30 में पहुंच गया है। 10 संकेतकों में से 6 में भारत की रैंक सुधरी है। वहीं भारत दुनिया एकमात्र देश है जहां इतने अधिक इंडीकेटर्स में सुधार दर्ज किया गया है। हालांकि उन्होंने कहा कि भारत कारोबार शुरू करने, अनुबंध लागू करने और निर्माण परमिट जैसे क्षेत्रों में अब भी पीछे है।
वर्ल्ड बैंक अपने 190 देशों के लिए ईज ऑफ डूइंग बिजनेस का इंडेक्स जारी किया है। पिछले साल वर्ल्ड बैंक ने भारत को 130वें स्थान पर रखा था और इसके बाद केंद्र सरकार ने अपने सभी मंत्रालयों को निर्देश दिया था कि ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के नियमों को आसान बनाए। साथ में राज्यों से भी इसपर सहयोग मांगा गया था। इसका असर रिपोर्ट में दिखाई दिया है। और भारत 30 अंकों की उछाल के साथ 100वें नंबर पर आ गया है।
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