नई दिल्ली। इस हफ्ते भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 400 अरब डॉलर के करीब पहुंचने का अनुमान लगाया जा रहा है जो एक नया रिकॉर्ड होगा। भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए इसे एक बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है। लेकिन भारत के विदेशी मुद्रा भंडार की तुलना अगर चीन के विदेशी मुद्रा भंडार से की जाए तो चीन के मुकाबले भारत बहुत पिछड़ा हुआ है। चीन का विदेशी मुद्रा भंडार भारत के मुकाबले करीब 10 गुना अधिक है।
करीब 3 साल पहले यानि जून 2014 के दौरान चीन का विदेशी मुद्रा भंडार 39.93 खरब डॉलर तक पहुंच गया था जो उसके विदेशी मुद्रा भंडार का अबतक का रिकॉर्ड है, इस साल अगस्त अंत तक चीन के पास 30.92 खरब डॉलर की विदेशी मुद्रा दर्ज की गई है। जबकि भारत के पास अभी 4 खरब डॉलर यानि 400 अरब डॉलर से कुछ कम विदेशी मुद्रा का भंडार है और ऐसी उम्मीद है कि इस हफ्ते भारत का भंडार 4 अरब डॉलर के करीब पहुंच सकता है।
भारत और चीन के विदेशी मुद्रा भंडार में 15 साल पहले तक ज्यादा अंतर नहीं था, भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक 15 साल पहले यानि सितंबर 2002 में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 62 अरब डॉलर के करीब था जबकि उस समय चीन के पास भारत के मुकाबले करीब 3 गुना अधिक यानि करीब 200 अरब डॉलर की विदेशी मुद्रा थी। लेकिन 15 साल में चीन के विदेशी मुद्रा भंडार में तेजी से बढ़ोतरी देखने को मिली है जबकि भारत का विदेशी मुद्रा भंडार इस रफ्तार से नहीं बढ़ सका है। 2002 से लेकर 2014 तक चीन का विदेशी मुद्रा भंडार 20 गुना बढ़ गया और 2002 से लेकर 2017 तक भारत 6 गुना से थोड़ा अधिक बढ़ पाया है।
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