नई दिल्ली। भारत के उद्योग जगत की विलय एवं अधिग्रहण के सौदों में 2015 के दौरान उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गई है। 2015 में 23 अरब डॉलर के सौदे हुए, जो 2014 के मुकाबले 31 फीसदी कम हैं।
न्यूजकॉर्प की सब्सिडियरी वीसीसर्कल नेटवर्क के वित्तीय अनुसंधान प्लेटफॉर्म के मुताबिक विलय एवं अधिग्रहण सौदे 2015 में 31.5 फीसदी घटकर 22.9 अरब डॉलर के रहे हैं, जबकि 2014 में 33.5 अरब डॉलर के सौदे हुए थे। सौदों की संख्या 2015 में पिछले साल के मुकाबले बढ़ने के बावजूद मूल्य घटा है, जिससे संकेत मिलता है कि सौदों के आकार में भारी गिरावट आई है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि सौदों का कुल मूल्य पिछले साल के मुकाबले कम है, लेकिन संख्या अधिक है। 2015 में 938 सौदे हुए, जो 2014 में हुए 892 सौदों के मुकाबले अधिक है। रिपोर्ट में कहा गया कि घरेलू विलय एवं अधिग्रहण के सौदे उल्लेखनीय रूप से घटे हैं, हालांकि देश में बाहर होने वाले सौदों में 2015 में बढ़ोत्तरी हुई है।
उल्लेखनीय है कि 2015 के दौरान घरेलू विलय एवं अधिग्रहण सौदों 58.5 फीसदी घटकर आठ अरब डॉलर के रहे हैं। देश के अंदर होने वाले सौदे 70 फीसदी बढ़कर 7.8 अरब डॉलर और देश से बाहर होने वाले सौदे 95 फीसदी बढ़कर 5.1 अरब डॉलर के रहे हैं।
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