नई दिल्ली। भारतीय कंपनियों ने चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में 34.8 अरब डॉलर के विलय एवं अधिग्रहण सौदों की घोषणा की है, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही से सात गुना अधिक है।
ईवाई की ताजा तिमाही रिपोर्ट में कहा गया है कि समीक्षाधीन तिमाही में रिकॉर्ड 34.8 अरब डॉलर के विलय एवं अधिग्रहण सौदे किए गए। तिमाही के दौरान कुल 273 विलय एवं अधिग्रहण सौदे हुए। सालाना आधार पर मात्रा के हिसाब से विलय एवं अधिग्रहण सौदे 19 प्रतिशत बढ़े। हालांकि, मूल्य के हिसाब से विलय एवं अधिग्रहण सौदे अप्रैल-जून, 2017 के 5.1 अरब डॉलर की तुलना में 6.8 गुना बढ़ गए।
रिपोर्ट में कहा गया है कि विलय एवं अधिग्रहण सौदों में जोरदार बढ़ोतरी की मुख्य वजह बड़े सौदे रहे। समीक्षाधीन तिमाही में एक अरब डॉलर से अधिक के छह सौदे हुए। जून तिमाही में सबसे बड़ा सौदा ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट का वॉलमार्ट इंक द्वारा 16 अरब डॉलर में किया गया अधिग्रहण रहा। कुल सौदों का यह 46 प्रतिशत बैठता है।
ईवाई के प्रबंधकीय भागीदार (लेनदेन सलाहकार सेवाएं) अमित खंडेलवाल ने कहा कि भारतीय बाजार के प्रति वित्तीय और रणनीतिक निवेशकों की रुचि बढ़ रही है। ऐसे में आगामी तिमाहियों में भी विलय एवं अधिग्रहण गतिविधियां सकारात्मक रहने की उम्मीद है।
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