नई दिल्ली। भारत ने चीन, मलेशिया और चीनी ताइपे से आयातित ब्लैक टोनर पावडर पर डंपिंग रोधी शुल्क लगाया है। इसका उपयोग प्रिंटर और फोटो कॉपी मशीन में होता है। वाणिज्य मंत्रालय की जांच इकाई व्यापार उपचार महानिदेशालय (डीजीटीआर) की सिफारिश के आधार पर डंपिंग रोधी शुल्क लगाया गया है।
घरेलू कंपनियों ने डीजीटीआर से इन देशों की कुछ कंपनियों द्वारा कथित डंपिंग किए जाने की शिकायत की थी। उसके बाद महानिदेशालय ने मामले की जांच की और शुल्क लगाने की सिफारिश की थी। शुल्क 196 डॉलर प्रति टन से लेकर 1,686 डॉलर प्रति टन की दर से लगाया गया है।
राजस्व विभाग ने अधिसूचना में कहा कि अधिसूचना के तहत अस्थायी डंपिंग रोधी शुल्क छह महीने के लिए प्रभावी होगा (बशर्ते बीच में इसे हटाने का आदेश नहीं आए)। अपनी जांच में डीजीटीआर ने कहा था कि इन उत्पादों का भारत में निर्यात उसके सामान्य मूल्य से कम पर किया जा रहा है, जिससे घरेलू कंपनियों के हित प्रभावित हो रहे हैं। एक अन्य अधिसूचना में विभाग ने चीन और हांगकांग से आयातित फ्लैक्स फ्रैब्रिक्स (लिनन) पर शुल्क तीन महीने के लिए बढ़ा दिया है।
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