भारत में इंटरनेट की स्पीड है सबसे धीमी, यहां औसत कनेक्शन स्पीड है 2.8 Mbps
एशिया प्रशांत क्षेत्र में इंटरनेट स्पीड के मामले में भारत सबसे पीछे है। अकामई टेक्नोलॉजीस द्वारा जारी रिपोर्ट में यह बात कही गई है।
नई दिल्ली। एशिया प्रशांत क्षेत्र में इंटरनेट स्पीड के मामले में भारत सबसे पीछे है। कंटेंट डिलीवरी नेटवर्क अकामई टेक्नोलॉजीस द्वारा जारी Q4 2015 स्टेट ऑफ दि इंटरनेट रिपोर्ट के मुताबिक एशिया प्रशांत क्षेत्र में भारत की सबसे कम औसत कनेक्शन स्पीड 2.8 एमबीपीएस है, जबकि फिलीपींस की स्पीड 3.2 एमबीपीएस है। यह रिपोर्ट अकामई के इंटेलीजेंट प्लेटफॉर्म द्वारा इंटनेट कनेक्शन स्पीड, ब्रॉडबैंड एडोप्शन रेट, मोबाइल कनेक्टीविटी और अटैक ट्रैफिक जैसे मानकों पर जुटाए गए आंकड़ों के आधार पर तैयार की गई है।
भारत की स्पीड 11 फीसदी बढ़ी, फिर भी पीछे
रिपोर्ट के मुताबिक भारत की औसत इंटरनेट स्पीड तिमाही आधार पर 11 फीसदी और सालाना आधार पर 36 फीसदी बढ़ी है। इंटरनेट स्पीड के मामले में भारत की वर्ल्ड रैंक 114 है। दुनिया के साथ ही एशिया प्रशांत क्षेत्र में सबसे तेज औसत कनेक्शन स्पीड 26.7 एमबीपीएस के साथ साउथ कोरिया इस लिस्ट में पहले स्थान पर है। एशिया प्रशांत क्षेत्र में 17.4 एमबीपीएस के साथ जापान (वर्ल्ड रैंक 4) दूसरे और हांगकांग 16.8 एमबीपीएस के साथ (वर्ल्ड रैंक 6) तीसरे स्थान पर है। एशिया प्रशांत क्षेत्र में 10 एमबीपीएस से ज्यादा की औसत कनेक्शन स्पीड के मामले में टॉप-5 लिस्ट में सिंगापुर और ताईवान अन्य दो देश हैं।
टॉप 5 देश, जहां सबसे तेज है इंटरनेट की स्पीड
top 5 countries with fastest internet speed
भारत के लिए 2.8 एमबीपीएस औसत स्पीड है असंभव
रिपोर्ट में कहा गया है कि 2.5 एमबीपीएस औसत इंटरनेट स्पीड भारत में बहुत ज्यादा है, ट्राई ने ब्रॉडबैंड इंटनेट कनेक्शन की परिभाषा में 512 केबीपीएस की न्यूनतम स्पीड को अनिवार्य बनाया है, जबकि एयरटेल ने इसे मानने से इंकार करते हुए एफयूपी पर ट्राई के ड्राफ्ट पेपर पर कहा है कि ग्राहक को दी गई डाटा लिमिट समाप्त होने के बाद सर्विस प्रदाता को स्पीड घटाकर 64 केबीपीएस तक करने की आजादी होनी चाहिए।
4 एमबीपीएस स्पीड को माना जाए ब्रॉडबैंड
अकामई की परिभाषा के मुताबिक ब्रॉडबैंउ इंटरनेट उसे कहते है जिसकी स्पीड 4 एमबीपीएस से ज्यादा होती है। 2015 की चौथी तिमाही में भारत में 17 फीसदी कनेक्शन 4 एमबीपीएस स्पीड से ज्यादा वाले थे। यह संख्या तीसरी तिमाही की तुलना में 24 फीसदी बढ़ी है। अकामई की परिभाषा के मुताबिक 10 एमबीपीएस से ज्यादा स्पीड वाले ब्रॉडबैंड कनेक्शन को हाई-स्पीड ब्रॉडबैंड माना जाता है। भारत में हाई स्पीड ब्रॉडबैंड लेने की दर 2.8 फीसदी है, जो तिमाही आधार पर 21 फीसदी और सालाना आधार पर 152 फीसदी बढ़ी है। साउथ कोरिया में 81 फीसदी इंटरनेट कनेक्शन 10 एमबीपीएस से अधिक स्पीड वाले हैं, जबकि 97 फीसदी कनेक्शन 4 एमबीपीएस से अधिक स्पीड के हैं।
मोबाइल कनेक्शन
2015 की चौथी तिमाही में भारत में औसत मोबाइल इंटरनेट स्पीड 2.7 एमबीपीएस है। 16 फीसदी कनेक्शन में 4 एमबीपीएस से अधिक की स्पीड है। एशिया प्रशांत क्षेत्र में सबसे तेज औसत मोबाइल स्पीड 11.8 एमबीपीएस है, जो साउथ कोरिया में है। रिपोर्ट के मुताबिक दुनियाभर में सबसे तेज औसत इंटरनेट स्पीड के मामले में यूके सबसे आगे है, यहां औसत इंटरनेट स्पीड 26.8 एमबीपीएस है।