नई दिल्ली। अमेरिका से तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) की पहली खेप शुक्रवार को गेल के दाभोल टर्मिनल पर पहुंच चुकी है। पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने 1.2 लाख टन की इस पहली खेप को यहां प्राप्त किया। इस अवसर पर उन्होंने गेल की नई कंपनी कोंकण एलएनजी द्वारा 700 करोड़ रुपए के निवेश की घोषणा भी की।
यह निवेश निर्माणाधीन ब्रैकवाटर सुविधा को पूरा करने में किया जाएगा। इसके पूरा होने पर यह टर्मिनल हर मौसम में काम करने वाला केंद्र बन जाएगा। इस समय यह टर्मिनल साल के केवल आठ महीने में ही परिचालन कर सकता है। प्रधान ने संवाददातओं से कहा कि ब्रैकवाटर के लिए टेंडर को अंतिम रूप दे दिया गया है। टेंडर शीघ्र ही जारी किए जाएंगे। काम मानसून से पहले या मानसून के तुरंत बाद शुरू होने की उम्मीद है।
गेल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बैकवाटर बनने तक कंपनी को हर साल 22-24 खेप मिलेगी। बैकवाटर सुविधा मिलने के बाद सालाना 80-90 खेप ली जा सकेंगी। गेल ने अमेरिका से एलएनजी के आयात के लिए लगभग 32 अरब डॉलर मूल्य के 20 साल की अवधि के लिए दो समझौते किए हैं।
मंत्री ने इस पहली खेप की कीमत का खुलासा तो नहीं किया लेकिन दावा किया कि देश अमेरिका के साथ बहुत ही प्रतिस्पर्धी कीमत पर एलएनजी का सौदा करने में सफल रहा है। मंत्री ने कहा कि दाभोल टर्मिनल कर्नाटक, गुजरात व महाराष्ट्र के औद्योगिक व ग्राहकों की जरूरतों को पूरा करेगा। उन्होंने कहा कि अमेरिका से तेल व गैस खेप की शुरुआत से भारत अमेरिका व्यापार को नया बल मिलेगा। गेल के लिए एमवी मेरिडियन स्प्रिट पोत 24 दिन की यात्रा के बाद यहां पहुंचा।
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