नई दिल्ली। देश में मंगलौर में स्थापित कच्चे तेल के भूमिगत सामरिक भंडारण सुविधा के लिए संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की कंपनी अबुधाबी नेशनल ऑयल कंपनी (एडीएनओसी) से कच्चे तेल से लदा पहला जहाज सोमवार को यहां पहुंचा। यह भंडार संकट के समय काम आ सकेगा।
एक सरकारी बयान में कहा गया है कि 20 लाख बैरल कच्चे तेल को लेकर अबू धाबी नेशनल ऑयल कंपनी (एडीएनओसी) का जहाज एमटी इंस्पेरेशन एक सप्ताह की यात्रा के बाद मैंगलोर बंदरगाह पर पहुंचा है। इंडियन स्ट्रेटजिक पेट्रोलियम रिजर्व लिमिटेड कंपनी भारत में कच्चे तेल के पहले सामरिक भंडारों का निर्माण कर रही है। कंपनी ने फरवरी में मंगलौर भंडार सुविधा के कुछ हिस्से को यूएई को पट्टे पर देने के लिए एडीएनओसी से अनुबंध किया था।
समझौते के तहत, एडीएनओसी अपने खर्च पर यहां लगभग 58.6 लाख बैरल कच्चा तेल रखेगी। बयान में कहा गया है कि सोमवार को मंगलौर पहुंचने वाले 20 लाख बैरल के साथ तेल भरने का काम शुरू हो चुका है।
अप्रैल में साऊदी अरैम्को ने 44 अरब डॉलर की लागत वाले रिफाइनरी प्रोजेक्ट में 50 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने की सहमति जताई थी। यह प्रोजेक्ट भारतीय तेल विपणन कंपनियों द्वारा पूरा किया जा रहा है। यह भंडार भारत को आपात स्थितियों या भू-राजनीतिक कारणों से आपूर्ति व्यवधान के समय ऊर्जा सुरक्षा प्रदान करेगा। यूएई भारत के लिए छठवां सबसे बड़ा कच्चा तेल स्रोत है और यह कुल जरूरत का लगभग 6 प्रतिशत तेल भारत को देता है।
एडीएनओसी अतिरिक्त कच्चा तेल इस साल के अंत तक लेकर आएगी और मैंगलोर भंडार में रखेगी। मैंगलोर के इस भंडारण की कुल क्षमता 3.9 करोड़ बैरल की है। भारत आंध्रप्रदेश के विशाखापट्नम और कर्नाटक के मैंगलोर एवं पाडुर में ऐसे रणनीतिक भंडार बना रहा है। विशापाट्नम स्थित भंडार और मैंगलोर के एक भंडार को सरकारी पैसे से भरा जाएगा। मैंगलोर के दूसरे भंडार को एडीएनओसी खुद के खर्चे पर भरेगी।
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