नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल की मौजूदगी में चली बैठक में भारत और जर्मनी के बीच ट्रेड और इन्वेस्टमेंट को बढ़ावा देने के लिए 18 एमओयू (मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग) पर हस्ताक्षर किए गए। इसके तहत डिफेंस, स्मार्ट सिटी, रिन्यु एबल एनर्जी, गंगा अभियान, एविशन, सोलर एनर्जी, वेस्ट मैनेजमेंट, एग्रीकल्च्र और एजुकेशन सेक्टर पर समझौते हुए हैं। इसके साथ ही जर्मनी भारत को हरित ऊर्जा गलियारे के विकास और सौर ऊर्जा परियोजनाओं के लिए एक-एक अरब यूरो की सहायता देगा।
भारत जर्मनी की कंपनियों को कारोबारी मंजूरी दिलाने और झंझट से मुक्त करने के लिए फास्ट ट्रैक मंजूरी की सुविधा देगा। मोदी ने अपने भाषण में इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि वह जर्मनी द्वारा भारत के हरित ऊर्जा गलियारे के विकास के लिए एक अरब यूरो की सहायता देने और भारत में सौर ऊर्जा परियोजनाओं के विकास के लिये एक अरब यूरो के अलग पैकेज पर आभार व्यक्त करते हैं।
जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल तीन दिन के दौरे पर भारत हैं। सोमवार सुबह राष्ट्रपति भवन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एंजेला मर्केल का हाथ जोड़कर स्वागत किया। मर्केल भारत और जर्मनी में तीसरी इंटर गवर्नमेंटल कंसल्टेशंस (आईजीसी) के लिए भारत की यात्रा पर हैं।
यूरोपीयन यूनीयन में जर्मनी भारत का सबसे बड़ा ट्रेड पार्टनर है। भारत में सातवां बड़ा फॉरेन इनवेस्टर है। 2015 के फर्स्ट क्वार्टर में दोनों देशों के बीच 8.82 अरब यूरो का का ट्रेड हुआ है। जहां जर्मनी में 75 फीसदी श्रमिक कुशल हैं, वहीं भारत में सिर्फ 2.2 फीसदी है। ऐसे में इस सेक्टर में भारत को जर्मनी से काफी मदद मिल सकती है।
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