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Hindi News पैसा बिज़नेस कोविड-19 महामारी का असर व्यापक, जीडीपी में 2020-21 में 6% की आ सकती है गिरावट: DBS

कोविड-19 महामारी का असर व्यापक, जीडीपी में 2020-21 में 6% की आ सकती है गिरावट: DBS

संक्रमण दर के अब तक स्थिर न होने से रिकवरी में देरी की आशंका बढ़ी

<p>DBS on indian economy</p>- India TV Paisa Image Source : GOOGLE DBS on indian economy

नई दिल्ली। सिंगापुर की ब्रोकरेज कंपनी डीबीएस ने बुधवार को आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण राज्यों में कोविड-19 संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए वित्त वर्ष 2020-21 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 6 प्रतिशत गिरावट का अनुमान जताया है। इससे पहले ब्रोकरेज कंपनी ने चालू वित्त वर्ष में वृद्धि दर शून्य से नीचे 4.8 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया था। डीबीएस की रिपोर्ट के अनुसार आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण राज्यों महाराष्ट्र, तमिलनाडु और गुजरात तथा कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में केवल 7 प्रतिशत जिलों में 70 प्रतिशत मामले हैं। देश के कुल आर्थिक उत्पादन में महाराष्ट्र, तमिलनाडु और गुजरात की हिस्सेदारी 30.5 प्रतिशत है।

 

रिपोर्ट में कहा गया है कि इससे महामारी का अर्थव्यवस्था पर गहरा असर पड़ेगा और रिकवरी में समय लगेगा। देश मे कोराना वायरस संक्रमण के मामले बढ़कर 11.5 लाख से ऊपर पहुंच गये हैं जबकि इसके कारण अबतक करीब 29,000 लोगों की मौत हुई है। इससे भारत अमेरिका (39 लाख मामले) और ब्राजील (22 लाख) के बाद तीसरा सबसे प्रभावित देश बन गया है। डीबीएस की अर्थशास्त्री राधिका राव ने कहा, ‘‘देश में संक्रमण की स्थिति अब तक स्थिर नहीं हुई है और महामारी का व्यापक आर्थिक प्रभाव पड़ने जा रहा है। इसको देखते हुए हमारा अनुमान है कि आर्थिक वृद्धि 2020-21 में शून्य से नीचे निगेटिव 6 प्रतिशत रहेगी।’’ संक्रमण दर के अब तक स्थिर नहीं होने का मतलब है कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी में दहाई अंक में बड़ी गिरावट आएगी। वहीं दूसरी तिमाही में हल्का सुधार देखने को मिल सकती है जबकि तीसरी तिमाही में वृद्धि लौट सकती है।

उन्होंने कहा, ‘‘हमारे विश्लेषण के अनुसार आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण राज्यों के सात जिलों में कुल संक्रमण के 70 प्रतिशत मामले हैं। ये राज्य हैं महाराष्ट्र (राष्ट्रीय जीडीपी में 14 प्रतिशत योगदान), तमिलनाडु (8.5 प्रतिशत), गुजरात (8 प्रतिशत) और कर्नाटक तथा आंध्र प्रदेश।’’ इतना ही नहीं इन सबके अलावा कुछ राज्य अभी भी स्थानीय स्तर पर ‘लॉकडाउन’ लगा रहे हैं। बिहार, महाराष्ट्र के पुणे और बेंगलुरू में 31 जुलाई तक ‘लॉकडाउन’ लगाया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि कुछ राज्यों ने घरेलू उड़ानों पर पाबंदी लगायी है और अगर कुछ अन्य राज्य ऐसा कदम उठाते हैं, इससे फिर से आपूर्ति व्यवस्था पर असर पड़ेगा। साथ ही वाहन विनिर्माताओं और इलेक्ट्रॉनिक कंपनियों समेत विनिर्माताओं के लिये मुश्किलें बढ़ेंगी। रिकवरी के बारे में राव ने कहा कि यह काफी हद तक ग्रामीण मांग और कृषि उत्पादन पर निर्भर करेगा। चालू वित्त वर्ष में कृषि उत्पादन में 2 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान है। यह अर्थव्यवस्था को गैर-कृषि उत्पादन में नरमी से कुछ राहत प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था के पूरी तरह से खुलने से सरकार सितंबर/अक्टूबर में प्रोत्साहन पैकेज या राजकोषीय समर्थन दे सकती है।

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