कर्ज चुकाने की क्षमता और मंशा के आधार पर भारत बेहतर रेटिंग का हकदार: CEA
अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसियों ने भारत की रेटिंग निवेश के सबसे निचले स्तरों पर की
नई दिल्ली। मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रमणियम ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था की बुनियादी ताकत को देखते हुए देश बेहतर क्रेडिट रेटिंग का हकदार है। उन्होंने यह बात दो अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसियों के भारत संबंधी हाल के निर्णयों को देखते हुए कही है। रेटिंग एजेंसी मूडीज ने देश की क्रेडिट रेटिंग घटा दी है वहीं एस एंड पी ने रेटिंग को बरकरार रखा है हालांकि दी गई रेटिंग भी निवेश का सबसे निचला स्तर है। सु्ब्रमणियम ने एक तरह से भारत की साख को बेहतर किये जाने की वकालत करते हुए कहा कि भारत की देनदारी चुकाने की क्षमता, इच्छा पर कोई सवाल नहीं है, यह सोने की तरह खरा है।
सुब्रमणियम ने संतोष जताते हुए कहा कि भारत के सुधारों को रेटिंग एजेंसियों ने स्वीकार किया है और अगले साल उच्च आर्थिक वृद्धि दर के लिये ये काफी महत्वपूर्ण हैं। इस साल आर्थिक वृद्धि के बारे में उन्होंने कहा कि यह इस बात पर निर्भर करेगी कि हालात कब ठीक होते हैं और रिकवरी कब शुरू होती है, यह फिलहाल अनिश्चित है कि रिकवरी दूसरी छमाही में शुरू होती है या फिर अगले साल। मुख्य आर्थिक सलाहकार ने कहा कि वित्त मंत्रालय इस साल के लिये आर्थिक वृद्धि के कई तरह के अनुमानों पर काम कर रहा है। वृद्धि में सुधार चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में शुरू होगा या अगले साल, उम्मीदें इस आधार पर भी निर्भर हैं। उन्होंने कहा कि वित्त मंत्रालय ने घाटे के वित्त पोषण के लिये अतिरिक्त मुद्रा की छपाई जैसे विभिन्न विकल्पों के नफा-नुकसान पर गौर किया है।
निजीकरण की नीति के बारे में उन्होंने कहा कि बैंक रणनीतिक क्षेत्र का हिस्सा होगा और सरकार रणनीतिक तथा गैर-रणनीतिक क्षेत्रों को चिन्हित करने की दिशा में काम कर रही है।