फ्रांस से 36 राफेल खरीदने का सौदा हुआ पक्का, 2019 से वायुसेना को मिलने लगेंगे नए फाइटर प्लेन
भारत ने शुक्रवार को फ्रांस से 36 राफेल जेट खरीदने के सौदे पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। 56,000 करोड़ रुपए के सौदे पर मनोहर पर्रिकर ने हस्ताक्षर किए।
नई दिल्ली। भारत ने शुक्रवार को फ्रांस से 36 राफेल जेट खरीदने के सौदे पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। 7.878 अरब यूरो (56,000 करोड़ रुपए) वाले इसे सौदे के समझौते पर फ्रांस के रक्षा मंत्री ज्यां यीव ली ड्रियान की मौजूदगी में भारतीय रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने हस्ताक्षर किए। इस सौदे के लिए बातचीत 1999-200 में शुरू हुई थी। राफेल सौदे पर हस्ताक्षर होने के 36 महीने के भीतर यानी 2019 में विमान आना शुरू हो जाएंगे। सभी 36 विमान 66 महीने के भीतर भारत आ जाएंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लगभग डेढ़ साल पहले अपनी फ्रांस यात्रा के दौरान 36 राफेल विमान खरीदने की घोषणा की थी। इस दौरान दोनों देशों ने गवर्नमेंट टू गवर्नमेंट डील के लिए समझौता भी किया था। राफेल लड़ाकू विमानों को फ्रांस की डसाल्ट एविएशन कंपनी बनाती है।
- पिछले साल फ्रांस के डसाल्ट से राफेल के कीमत को लेकर बातचीत शुरू की गई तब उसने 36 राफेल की कीमत 12 अरब यूरो बताई थी।
- इसके बाद जनवरी में दोबारा बात हुई तो कीमत 8.6 अरब यूरो पर आकर टिकी।
- अप्रैल में अंतिम दौर की बातचीत हुई तो विमानों की कीमत 7.87 अरब यूरो तय की गई।
- एक राफेल की कीमत हथियार के सहित करीब 1600 करोड़ रुपए होगी।
- इसमें हवा से जमीन में मार करने वाली स्कैल्प मिसाइलें होंगी। इसका निशाना अचूक है।
- डसाल्ट वायुसेना को मुफ्त में प्रशिक्षण भी देगी। फ्रांस पायलटों के प्रशिक्षण के लिए 60 घंटे की अतिरिक्त उड़ान की गारंटी देगा।
क्यों खरीद रहा है भारत ये विमान
- भारत अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करना चाहता है।
- इसलिए राफेल विमान खरीदे जा रहे हैं।
- सुरक्षा विशेषज्ञों की मानें, तो इस सौदे से एयरफोर्स और मजबूत होगा।
- एयरफोर्स के पास 1970 और 1980 के पुराने पीढ़ी के विमान हैं।
- बीते 25-30 सालों के बाद ऐसा पहली बार हो रहा है, जब भारत राफेल के रूप में ऐसी टेक्नोलॉजी खरीद रहा है।
राफेल की खासियत
- राफेल का इस्तेमाल फिलहाल सीरिया और इराक में बम गिराने के लिए किया जा रहा है।
- राफेल 3 हजार 800 किलोमीटर तक उड़ान भर सकता है।
- इसकी मदद से एयरफोर्स भारत में रहकर ही पाक और चीन में हमला कर सकती है।
- राफेल में हवा से जमीन में मार करने वाली स्कैल्प मिसाइलें होंगी।
कितनी आएगी लागत
- सुरक्षा विशेषज्ञों की मानें, तो राफेल के सौदे पर अरबों रुपये खर्च हो रहे हैं।
- काफी मोलभाव के बाद फ्रांस इसे 7.9 बिलियन यूरो में देने में राजी हुआ है। अगर भारतीय रुपये में बात करें तो करीब 59 हजार करोड़ में आएगा।
- एक राफेल की कीमत हथियार के सहित करीब 1600 करोड़ रुपये की पड़ेगी।
भारत को कब मिलेगा राफेल
- सौदे पर साइन होने के 36 महीने के अंदर यानी 2019 में विमान आना शुरू होगा।
- एयरफोर्स को राफेल विमानों के लिए तीन साल तक इंतजार करना पड़ेगा।