नई दिल्ली। देश का विदेशी मुद्रा भंडार 12 जून को समाप्त सप्ताह में 5.942 अरब डॉलर की बढ़त के साथ 507.644 अरब डॉलर के स्तर पर पहुंच गया है। ये भंडार का अब तक का सबसे ऊंचा स्तर है। सप्ताह के दौरान फॉरेन करंसी एसेट्स के बढ़ने से यह वृद्धि हुई है। रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, इससे पूर्व पांच जून को समाप्त हुए सप्ताह में देश का विदेशी मुद्रा भंडार पहली बार 500 अरब डॉलर के स्तर को लांघ गया था जब यह 8.22 अरब डॉलर बढ़कर 501.703 अरब डॉलर पर पहुंचा था।
सप्ताह के दौरान कुल मुद्रा भंडार का महत्वपूर्ण घटक यानी फॉरेन करंसी एसेट्स 5.106 अरब डॉलर बढ़कर 468.737 अरब डॉलर हो गईं। अर्थशास्त्रियों के अनुसार, विदेशीमुद्रा भंडार में वृद्धि का कारण अधिक पूंजी निवेश होना तथा चालू खाता के घाटे का कम होना था। कोविड-19 महामारी के कारण उत्पन्न व्यवधानों की वजह से कारोबारी गतिविधियों में सुस्ती आई है। उन्होंने कहा कि विदेशी मुद्रा भंडार की यह जमा धनराशि एक वर्ष से ज्यादा के आयात के खर्च के बराबर है।
सप्ताह में गोल्ड रिजर्व 82.1 करोड़ डॉलर बढ़कर 33.173 अरब डॉलर हो गया। रिजर्व बैंक के आंकड़े दर्शाते हैं कि अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) के तहत भारत का विशेष आहरण अधिकार समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान 1.2 करोड़ डॉलर बढ़कर 1.454 अरब डॉलर हो गया। जबकि आईएमएफ में देश का मुद्राभंडार 30 लाख डॉलर बढ़ककर 4.280 अरब डॉलर हो गया।
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