नई दिल्ली। डॉलर के मुकाबले भारतीय करेंसी रुपए में लगातार गिरावट के पीछे बड़ी वजह देश के विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार आ रही गिरावट भी है, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के आंकड़ों के मुताबिक 15 जून को खत्म हफ्ते के दौरान देश का विदेशी मुद्रा भंडार 410.07 अरब डॉलर दर्ज किया गया है जो 2018 में सबसे कम स्तर है और रिकॉर्ड स्तर से करीब 16 अरब डॉलर कम है।
RBI की तरफ से 22 जून को खत्म हफ्ते के लिए विदेशी मुद्रा भंडार के आंकड़े शुक्रवार को जारी होंगे और ऐसी आशंका जताई जा रही है कि विदेशी मुद्रा भंडार में और भी गिरावट आ सकती है, RBI आंकड़ों के मुताबिक इसी साल अप्रैल में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 426.08 अरब डॉलर तक पहुंचा था जो अबतक का रिकॉर्ड स्तर है। यानि लगभग 2 महीने में विदेशी मुद्रा भंडार में 16 अरब डॉलर से ज्यादा यानि लगभग 1.10 लाख करोड़ रुपए की कमी आई है।
2018 की शुरुआत से ही विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाजार से अपना निवेश घटाना शुरू किया है जिस वजह से रुपए पर दबाव आया है और सरकार के विदेशी मुद्रा भंडार पर असर पड़ा है। विदेशी निवेशकों ने रुपए पर आधारित सरकारी बॉन्ड्स में अपनी होल्डिंग 2018 में 6.1 अरब डॉलर घटाई है, इसके अलावा शेयर बाजार से बी विदेशी निवेशकों ने 78.5 करोड़ डॉलर का निवेश निकाला है। यही वजह है कि सरकार का विदेशी मुद्रा भंडार कम हुआ है और रुपए पर भी दबाव बढ़ा है।
इस बीच रुपये में आई गिरावट पर नजर डालें तो डॉलर के मुकाबले यह रिकॉर्ड निचले स्तर तक लुढ़क गया है, आज शुरुआती कारोबार में डॉलर का भाव बढ़कर 69.10 रुपए तक पहुंच गया, रुपए में करीब 49 पैसे की भारी गिरावट देखने को मिली है। रुपए की इस गिरावट की वजह से घरेलू स्तर पर पेट्रोल और डीजल के महंगा होने की आशंका बढ़ गई है।
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