नई दिल्ली। भारत का तैयार इस्पात निर्यात अप्रैल में 25.2% घटकर 5.58 लाख टन रह गया। जबकि अप्रैल 2017 में यह आंकड़ा 7.46 लाख टन था। संयुक्त संयंत्र समिति ने अपनी नवीनतम रपट में यह जानकारी दी है। यह समिति इस्पात मंत्रालय के तहत काम करती है। देश में यह इकलौती इकाई है जो घरेलू इस्पात एवं लौह उद्योग के आंकड़े जुटाती है।
रपट के अनुसार अप्रैल 2018 में भारत ने कुल 5.58 लाख टन तैयार इस्पात का निर्यात किया जो अप्रैल 2017 के मुकाबले 25.2% कम है। समीक्षावधि में बिक्री के लिए तैयार इस्पात का कुल उत्पादन 87.37 लाख टन रहा जो अप्रैल 2017 के 82.86 लाख टन से 5.4% अधिक है। केंद्रीय इस्पात मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह ने पहले कहा था कि भारत को अपने कुल इस्पात उत्पादन का छह से सात प्रतिशत निर्यात करना चाहिए।
रपट के अनुसार निर्यात बढ़ने के बजाय इस अवधि में आयात बढ़ा है। यह 18.8% बढ़कर 5.99 लाख टन रहा जो अप्रैल 2017 में 5.04 लाख टन था। देश का कुल तैयार इस्पात उपभोग अप्रैल में 8.2% बढ़कर 69.84 लाख टन रहा है जो पिछले साल इसी माह में 64.54 लाख टन था। उल्लेखनीय है कि पिछले साल मई में सरकार ने राष्ट्रीय इस्पात नीति 2017 को मंजूरी दी था जिसका मकसद इस क्षेत्र में 10 लाख करोड़ रुपये के निवेश को आकर्षित करना और उत्पादन क्षमता को 2030-31 तक 30 करोड़ टन करना है।
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