नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि बीते वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में हासिल हुई 7.7 प्रतिशत की वृद्धि दर से एक बार फिर से यह स्थापित हो गया है कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था है। उन्होंने कहा कि अभी यह रुख कई और साल तक बना रहेगा। सरकार के आलोचकों पर निशाना साधते हुए जेटली ने कहा कि नोटबंदी और वस्तु एवं सेवा कर (GST) के क्रियान्वयन के बाद न तो भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर में दो प्रतिशत गिरावट आई है और न ही एक पूर्व वित्त मंत्री का कथन सही है कि इससे भारत गरीब होगा।
फेसबुक पोस्ट में जेटली ने कहा कि नोटबंदी जैसे संरचनात्मक सुधारों तथा GST के क्रियान्वयन तथा दिवाला एवं शोधन अक्षमता संहिता को लागू करने की वजह से हमें दो तिमाही चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों का सामना करना पड़ा। जिन लोगों ने यह अनुमान लगाया था कि जीडीपी में दो प्रतिशत की गिरावट आएगी वे गलत साबित हुए।
उन्होंने कहा कि मेरे एक सम्मानित पूर्ववर्ती को भय था कि इससे उन्हें भविष्य में गरीबी का जीवन जीना पड़ेगा। जेटली ने लिखा है कि हमने प्रत्येक भारतीय को दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था का हिस्सा बनाया है। अब अतीत की तुलना में भविष्य अधिक उज्जवल दिख रहा है। यह रुख अगले कुछ साल तक जारी रहेगा।
गौरतलब है कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा था कि नोटबंदी से जीडीपी में दो प्रतिशत की गिरावट आएगी। इसी तरह पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने कहा कि मोदी सरकार की नीतियों से देश के लोग गरीब हो जाएंगे। जेटली ने कहा कि एक अन्य वित्त मंत्री ने सुझाव दिया है कि सरकर को पेट्रोल और डीजल पर करों में 25 रुपए की कटौती करनी चाहिए। हालांकि, जब वह खुद वित्त मंत्री थे तो उन्होंने ऐसा नहीं किया था।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने पिछले सप्ताह कहा था कि केंद्र सरकार के लिए पेट्रोल पर करों में 25 रुपए की कटौती करना संभव है लेकिन वह ऐसा करेगी नहीं।
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