नई दिल्ली। जुलाई में भारत से रत्न और आभूषणों का निर्यात पिछले साल के मुकाबले 38 फीसदी गिरकर 136 करोड़ डॉलर के स्तर पर आ गया। जेम्स एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल यानि GJEPC ने ये जानकारी दी है। काउंसिल के मुताबिक निर्यात में गिरावट कोरोना संकट से तराशे और पॉलिश किए गए हीरों की विदेशी मांग में तेज गिरावट की वजह से देखने को मिला है। काउंसिल के मुताबिक जुलाई के दौरान तराशे और पॉलिश किए गए हीरों का निर्यात पिछले साल के मुकाबले 39 फीसदी की गिरावट के साथ 91.8 करोड़ डॉलर रहा है।
अप्रैल से जुलाई के बीच तराशे गए हीरों का निर्यात पिछले साल के मुकाबले 46.5 फीसदी गिरकर 270 करोड़ डॉलर के स्तर पर आ गया है। काउंसिल के मुताबिक फिलहाल इंडस्ट्री दोहरे दबाव से गुजर रही है। कोरोना संकट की वजह से पहले से ही मांग में गिरावट देखने को मिल रही है, वहीं प्रतिबंधों और कारीगरों की कमी से जो ऑर्डर हैं उन्हें भी पूरा करने में मुश्किलें आ रही हैं। काउंसिल की मुताबिक लॉकडाउन की वजह से कई कारीगर अपने घर वापस चले गए हैं और उनमें से कई अभी भी वापस नहीं आए हैं। काउंसिल के मुताबिक फिलहाल ऑर्डर मिल रहे हैं लेकिन इंडस्ट्री में कारीगरों की कमी है।
तराशे गए हीरों के निर्यात में कमी को देखते हुए इंडस्ट्री ने बिना तराशे हीरों को आयात घटा दिया है। अप्रैल से जुलाई के बीच में बिना तराशे हीरों का आयात पिछले साल के मुकाबले 82 फीसदी की गिरावट के साथ 71 करोड़ डॉलर पर आ गया है।
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