नई दिल्ली: भारत बौद्धिक संपदा अधिकारों पर विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) समझौते के कुछ प्रावधानों को अस्थायी तौर पर हटाने संबंधी प्रस्ताव को लेकर ऑस्ट्रेलिया, स्विट्जरलैंड एवं जापान के साथ लगातार संपर्क में है। एक सरकारी अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी। अधिकारी ने कहा, ‘‘इस मुद्दे पर हमारी बातचीत जारी है। अभी तक हम किसी आम सहमति पर नहीं पहुंचे हैं। हम ऑस्ट्रेलिया, यूरोपीय संघ, जापान और स्विट्जरलैंड जैसे देशों की आशंकाएं दूर करने के लिए बात कर रहे हैं।’’
कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए बौद्धिक संपदा अधिकारों संबंधी डब्ल्यूटीओ समझौते में कुछ प्रावधानों को अस्थायी रूप से हटाने के प्रस्ताव को लेकर दोनों पक्षों के बीच मतभेद बना हुआ है। दोनों पक्षों के बीच बातचीत जारी रहना इस लिहाज से अहम है कि जिनेवा स्थित डब्ल्यूटीओ की 12वीं मंत्री-स्तरीय बैठक 30 नवंबर से तीन दिसंबर के बीच होने वाली है।
भारत ने बार-बार कहा है कि यह प्रस्ताव सिर्फ अस्थायी छूट की बात करता है क्योंकि इससे तेजी से टीकाकरण और विश्व अर्थव्यवस्था की बहाली में मदद मिलेगी। वहीं ये देश बौद्धिक संपदा समझौते में अस्थायी छूट देने को लेकर कुछ आशंकाएं जताते रहे हैं। उनका कहना है कि ट्रिप्स समझौते में अनिवार्य लाइसेंस एवं स्वैच्छिक लाइसेंस जैसा लचीलापन अंतर्निहित है। हालांकि, भारत इस राय से इत्तेफाक नहीं रखता है। बौद्धिक संपदा अधिकारों संबंधी ट्रिप्स समझौता जनवरी,1995 में वजूद में आया था। यह कॉपीराइट एवं पेटेंट अधिकारों संबंधी एक बहुपक्षीय समझौता है।
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